जोहानसबर्ग । ब्रिक्स (भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में शामिल होने दक्षिण अफ्रीका गए प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने हाल के दिनों में शुरू हुई बातचीत की गति को बरकरार रखने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए संबंधित हितधारकों को उचित निर्देश देने पर सहमति व्यक्त की।
मोदी तथा जिनपिंग ने इस दौरान दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को समेकित तथा विकसित करने पर सहमति जताई। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से हटकर दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान श्री मोदी ने श्री जिनपिंग से कहा, “इस गति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है और इसके लिए हमें नियमित रूप से अपने स्तर पर हमारे रिश्तों की समीक्षा करनी चाहिए और जब भी आवश्यक हो उचित निर्देश देना चाहिए।”
विदेश सचिव विजय गोखले ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने श्री जिनपिंग के साथ मुलाकात के दौरान विशेष प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को इस वर्ष चीन भेजने की इच्छा जतायी।
उन्होंने कहा, “दोनों नेताओं ने बातचीत के दौरान अप्रैल में वुहान में हुई अनौपचारिक बैठक के साथ-साथ जून में क़िंगदाओ में हुई अपनी मुलाकात को याद किया। दोनों नेता द्विपक्षीय जुड़ाव को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से विशेष रूप से संतुष्ट थे।” उन्होंने कहा यह एक ‘बहुत ही लाभकारी’ बैठक रही।
उल्लेखनीय है कि 10 वें ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने यहां आए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगभग तीन महीनों में यह तीसरी मुलाकात है। दोनों नेताओं के बीच अप्रैल महीने में चीन के वुहान में दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था। फिर जून में दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान क़िंगदाओ में मिले थे।
गोखले ने बताया कि मोदी ने जिनपिंग के साथ हुई हालिया मुलाकातों को याद करते हुए कहा कि इसने भारत तथा चीन के रिश्तों को एक नयी ताकत और द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए अवसर भी प्रदान किये हैं।
उन्होंने कहा कि नवीनतम द्विपक्षीय बैठक ने अपनी निकट विकास साझेदारी को मजबूत करने के लिए उन्हें एक और अवसर प्रदान किया है। श्री गोखलने ने कहा कि दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान वुहान में बनी कुछ सहमतियों और निर्णयों को लागू करने पर भी सहमति व्यक्त की।
गोखले ने कहा, “ दोनों नेताओं ने कहा कि गत कुछ महीनों में दोनों देशों के पारस्परिक विश्वास में बढ़ोतरी हुई है।” जिनपिंग ने मोदी से कहा कि वर्ष 2019 में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने के उनके निमंत्रण को स्वीकार कर वह बहुत खुश हैं। यह दूसरा मौका होगा जब मैं भारत के अनौपचारिक दौरे पर जाउंगा।
उन्होंने कहा, “ क़िंगदाओ में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि चीन के रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री इस वर्ष भारत के दौरे पर जाएंगे। आज की बैठक में तय हुए है कि अगस्त और अक्टूबर महीने में क्रमश: दो दौरे होंगे।”
गोखले ने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया है कि एक भारतीय व्यपार प्रतिनिधिमंडल अगस्त महीने में चीन के दौरे पर जाएगा और इस दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है उनमें सोया, चीनी और गैर-बासमती चावल का निर्यात के विषय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि भारत के दवा व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल भी 21 और 22 अगस्त को दो दिवसीय चीन दौरे पर शंघाई जाएगा।
उन्होंने बताया कि मोदी और जिनपिंग इस वर्ष के आखिर में अर्जेंटीना के मार्जिन में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में दोबारा मिलेंगे। उन्होंने बताया कि चीन के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार को मजबूत करने, आपसी विश्वास बढ़ाने तथा व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ सांस्कृतिक और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की अपील की। श्री जिनपिंग ने कहा कि चीन और भारत प्राचीन सभ्यताओं के देश हैं और दोनों देशों ने मानव सभ्यता की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।