लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने 126 करोड़ से अधिक के जमीन घोटाने के आरोपी यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीसी गुप्ता के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्युरो (सीबीआई ) जांच की संस्तुति कर दी है।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि प्रकरण सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया है। एक्सप्रेसवे अथॉरटी ने हाल ही में प्रकरण की विभागीय जांच की थी । तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता के खिलाफ जांच में पाये गये सबूत के आधार पर ही प्रकरण सीबीआई को सौपा गया।
नोएडा पुलिस ने गुप्ता को जून मे मध्य प्रदेश के दतिया से गिरफ्तार किया था। गुप्ता को यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहने के दौरान 120 करोड़ रूपये का घोटाला करने का दोषी पाया गया है।
उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे में जमीन की खरीद-फरोख्त में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत की जांच के लिए आंतरिक समिति का गठन किया गया था। समिति ने पाया कि अथारिटी का सीईओ बनने के बाद गुप्ता ने रिश्तदारों के नाम से सात गांवों में दिखावे की कंपनियों के नाम से 57.15 हेक्टेयर भूमि खरीदी। इस जमीन का बाद में (2013-14) यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने ऊंचे दाम देकर अधिग्रहण किया।
इसमें कुल 126 करोड़ रुपये के वारे-न्यारे किए गए। मेरठ के विभागीय आयुक्त प्रभात कुमार ने इस मामले की जांच की थी और उच्च जांच की सिफारिश की थी।