लुधियाना । लोक इंसाफ पार्टी(एलआईपी) के प्रमुख और स्थानीय विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस ने सुखपाल सिंह खैरा को पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से हटाने को आम आदमी पार्टी(आप) सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का तानाशाहीभरा कदम बताया है।
बैंस ने आप के इस कदम की भर्त्सना करते हुये दावा किया कि खैरा को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के लिये हुये समझौते के तहत कांग्रेस के कहने पर हटाया गया है। उन्होंने कहा कि खैरा को ईमानदारी और सच्चा बोलने की सजा दी गई है।
एलआईपी नेता ने कहा कि खैरा राज्य विधानसभा में कांग्रेस सरकार को जनहित के मुद्दों पर घेर रहे थे जो कथित तौर पर न तो कांग्रेस और न ही अकाली-भाजपा को रास आ रहा था। उन्होंने दावा किया कि आप का 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गुप्त समझौता हो चुका है और राज्य के कांग्रेसी नेताओं ने इसके लिए केजरीवाल के समक्ष खैरा को विपक्ष के नेता पद से हटाने की शर्त रखी थी। खैरा इसी राजनीति का शिकार हुये हैं।
बैंस ने कहा कि लाेकसभा सदस्य धर्मवीर गांधी और हरिंदर खालसा तथा आप के पूर्व प्रदेश संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर के बाद खैरा आप के चौथे बड़े नेता हैं जो केजरीवाल की तानाशाही का शिकार हुये हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता किसी भी सूरत में केजरीवाल को स्वीकार नहीं करेगी।