गांधीनगर। गुजरात सरकार लगभग 23 साल बाद फिर से राज्य के सबसे रंग-बिरंगे और लोकप्रिय उत्सव नवरात्रि के अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों में आधिकारिक अवकाश देगी। फिलहाल राज्य में नवरात्रि पर आधिकारिक अवकाश नहीं होता।
वर्ष 1995 में तत्कालीन केशुभाई सरकार के शिक्षा मंत्री नलिन भट्ट की पहल पर उस साल ऐसी छुट्टी दी गई थी पर पढ़ाई पर कथित प्रतिकूल असर के चलते इसे वापस ले लिया गया था।
राज्य के प्राथमिक और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री विभावरीबेन दवे ने शनिवार को बताया कि नवरात्रि और इस दौरान होने वाला गरबा राज्य की सांस्कृतिक पहचान हैं और छुट्टी नहीं होने के कारण युवा और नन्हें छात्र-छात्राएं रातों को इनमें भाग लेने के बाद अगले दिन स्कूल जाने को बाध्य रहते हैं।
अब राज्य सरकार ने इस अवसर पर अवकाश देने का निर्णय लिया है। अवकाश की तिथि तय करते समय इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि साल भर में पढ़ाई के लिए नियत शैक्षणिक दिवसों पर इससे असर नहीं पड़े।
उन्होंने यह भी दावा किया कि यह छुट्टी देने के लिए दीवाली के मौके पर राज्य में दी जाने वाली 21 दिनों की छुट्टी में कोई कटौती नहीं होगी। समझा जाता है कि राज्य सरकार नवरात्रि के लिए सात दिन के अवकाश की घोषणा कर सकती है और ऐसी अटकलें हैं कि इसके लिए दीवाली की छुट्टियों में से कटौती की जा सकती है।