नयी दिल्ली । सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि सरकार देश में ऊर्जा के अन्य विकल्पों की तलाश के लिए जैव ईंधनों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसके लिए उसने हाल ही में राष्ट्रीय जैवईंधन नीति 2018 अधिसूचित की है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सदन में शून्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के अनुराग ठाकुर के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस नीति के तहत सरकार पहली और दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल, बायोडीजल और बायो-सीएनजी पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि ईंधन का आयात कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि जैव ईंधनों से न केवल आयातित ईंधनों पर निर्भरता कम होगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा, किसानों की आय भी बढ़ेगी तथा विदेशी मुद्रा भंडार भी खाली नहीं होगा।
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि देश में रसोई गैस की घरेलू कीमत कच्चे तेल के मूल्य से जुड़ी नहीं है, अलबत्ता यह अंतरराष्ट्रीय कीमत पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के आयात पर आने वाली लागत कम करने के लिए सरकार जैव ईंधनों सहित विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है।