इलाहाबाद । उत्तराखंड के नरौरा और टिहरी बांध से पानी छोड़े जाने के कारण तीर्थराज प्रयाग में गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 34 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी।
बाढ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार नरौरा और टिहरी बांध से पानी छोड़े जाने और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरसात होने के कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है वहीं मध्यप्रदेश के केन और बेतवा नदियों में जलस्तर घटने से यमुना का जलस्तर में मामूली कमी दर्ज की गयी है।
आधिकारिक आंकडों के अनुसार शुक्रवार सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 79.190, छतनाग में 77.330 और नैनी में 77.870 मीटर दर्ज किया गया है। फाफामऊ में गंगा के जलस्तर में कल की तुलना में 34 सेंटीमीटर, छतनाग में 11 सेंटीमीटर अधिक दर्ज किया गया है जबकि नैनी (यमुना) में मात्र एक सेंटीमीटर की कमी दर्ज की है। उन्होंने बताया कि गंगा का जलस्तर प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ रहा है।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए गंगा किनारे रहने वाले दारागंज, कैसरगंज, महसी, मिहींपुरवा,गंगा नगर, रसूलाबाद, सदियाबाद और बेली गांवों के लोगों दहशत में है। जिला प्रशासन ने बाढ़ की संभावित स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन 99 बाढ़ चौकियाें स्थापित की है। चौकियों पर तैनात स्टाफ को बाढ़ से निपटने के लिए तैनात रहने का निर्देशित किया गया है। बाढ़ से निपटने के लिए पीएसी की 42वीं बटालियन, एनडीआरएफ टीम को एलर्ट कर दिया गया है।
मौसम वैज्ञानिक संजय अग्निहोत्री ने बताया कि लगातार एक सप्ताह से अधिक समय से आसमान में बादल छाये रहने और रिमझिम-रिमझिम बरसात के कारण दिन और रात के तापमान में गिरावट आयी है। अग्निहोत्री ने बताया कि दिन का सामान्य तापमान 32.5 डिग्री और रात का 26.00 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए लेकिन कल दोपहर का तापमान 28.5 और रात का तापमान 24.00 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।