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जिला प्रमुख के खिलाफ खेमेबंदी से दो सदस्य लौटे, यहाँ यहाँ घूमे सदस्य
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जिला प्रमुख के खिलाफ बाड़ेबंदी से दो सदस्य लौटने की चर्चा गर्म

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जिला प्रमुख के खिलाफ बाड़ेबंदी से दो सदस्य लौटने की चर्चा गर्म
bjp jila pramukh payal parasrampuriya
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए लामबद्ध हुए जिला परिषद सदस्यों के समुह में से दो सदस्य वापस लौट आने की चर्चा गर्म हैं। चर्चाओ के अनुसार ये दोनों सदस्य जयपुर में राज्य सरकार के सहयोग से पुलिस कार्रवाई के पहले ही खेमे से बाहर निकल आये। वैसे इन दोनो के मोबाइल अभी भी बन्द होने से उंसे किसी की भी बात नही हो पाई है।

चर्चा के अनुसार इन्हें घुमाने के बहाने ले गए थे और ब्यावर होते हुए जयपुर ले गए। वहां सुरक्षा के बीच रखा गया। पार्टी के नेतओ के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में धडे़बंद जिला परिषद सदस्यों को जयपुर ले जाया गया तो वहां पर पुलिस कार्रवाई के डर से इन लोगों ने राजस्थान छोड़ दिया और गुजरात व केन्द्र शासित प्रदेशों की ओर रुख कर लिया। वैसे ये उन नेताओ के लिये एक ट्रेप भी हो सकता है जो इस अविश्वास प्रस्ताव के पीछे है। विश्वस्त सूत्रो के अनुसार सोमवार को इन्हे अबूरोड मे भी देखा गया है।
-राजे का डर, साजिश के सूत्रधारों का खुलासा
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सुराज गौरव यात्रा के लिए सिरोही आना है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत होने में देरी हो रही है। पार्टी के सूत्रो का दावा है कि कथित रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले गुट से लौटे जिला परिषद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के प्रमुख सूत्रधारों का खुलासा भी किया है। दावा ये भी किया जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव का मुख्य सूत्रधार के पीछे के भाजपा नेताओं का भी खुलासा हो गया है।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सिरोही प्रवास या सिरोही प्रवास से पूर्व इस मसले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए धड़ाबंदी करने वाले व्यक्ति के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है। प्रशासन में दबी उनकी पूर्व पत्रावलियां एकाएक रफ्तार भी पकड़ सकती हैं।
-ऐसे मे अब 12 जनें
अविश्वास प्रस्ताव के लिए सिरोही से बाड़ाबंदी में रवाना हुए जिला परिषद सदस्यों में से दो सदस्यों के जयपुर से लौट आने की बात मे सत्यता है तो अब अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान भी खटाई में पड़ता दिख रहा है। यदि वर्तमान स्थिति अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद भी रहती है तो मतदान के दौरान प्रस्ताव का पारित होना और मुश्किल लग रहा है।

मजबूरी में या पार्टी के प्रति निष्ठा में भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी के पुत्र कानाराम चौधरी और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित की पारिवारिक सदस्य लक्ष्मी पुरोहित का अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान इन दोनों के लिए घातक होगा।

स्वयं जिला प्रमुख, पुष्कर, भारमाराम, कानाराम चैधरी और लक्ष्मी पुरोहित के भाजपा बोर्ड के समर्थन में रहने पर यह अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस के समर्थन पर भी मतदान के दौरान पारित नहीं हो सकता। यदि पारित होगा तो इसकी आंच कहीं न कहीं वर्तमान और पूर्व जिलाध्यक्ष पर भी आएगी।

वैसे सुराज संकल्प यात्रा में जाने से पूर्व जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी ने इसे कांग्रेस की साजिश बताते हुए इसे सफल नहीं होने देने का दावा किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनका दावा था कि भाजपा के सभी सदस्य जिला प्रमुख के साथ खडे़ हैं। जिलाध्यक्ष के इस बयान के बाद पार्टी में ही अंदरखाने ये चर्चा उठने लगी कि यदि सभी जिला परिषद सदस्य उनके साथ हैं तो वह अब तक उन्हें लेकर मीडिया या सुराज संकल्प यात्रा की बैठकों में शामिल क्यों नहीं हुए।