पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले को लेकर समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली मंजू वर्मा ने न्यायालय और सीबीआई पर पूरा भरोसा जताते हुए आज कहा कि उनके पति निर्दोष हैं और यह साबित होने के बाद वह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगी।
वर्मा ने यहां अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें सीबीआई जैसी साफ-सुथरी एजेंसी और न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
उनके पति चंद्रशेखर वर्मा निर्दोष हैं और जांच के बाद निर्दोष साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग उन्हें और उनके पति को इस मामले में निशाना बना रहे थे उनका उद्देश्य वैसे कुछ रसूखदार लोगों को बचाना है, जो लोग अल्पावास गृह में जाया करते थे।
मंत्री ने कहा कि मामले की सीबीआई जांच के बाद जब उनके पति निर्दोष साबित हो जाएंगे तो वह नेता प्रतिपक्ष यादव एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगी। उन्होंने कहा कि वह किसी के दबाव में इस्तीफा नहीं दे रही हैं और न ही मुख्यमंत्री उन्हें त्यागपत्र देने के लिए कहा था।
जिस तरह से मीडिया में उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा था और नेता प्रतिपक्ष लगातार उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे थे इसके कारण वह ठीक से काम नहीं कर पा रही थीं। इसी वजह से उन्होंने मंत्री पद छोड़ने का फैसला किया।
वर्मा ने कहा कि यदि उनके पति सिर्फ मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से टेलीफोन पर बातचीत के कारण दोषी हैं तो वैसे अन्य लोग भी दोषी होंगे जिनकी उनसे बात होती होगी। उन्होंने कहा कि ब्रजेश के मोबाइल फोन का पूरा कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इससे पता चल जाएगा कि कौन-कौन पत्रकार और बड़े नेताओं की ब्रजेश से बातचीत होती थी।
मंत्री ने कहा कि वह राजनीतिक और सामाजिक जीवन में हैं तथा मंत्री भी रहीं, इसके साथ ही उनके पति भी एक राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, इस नाते हर किसी से उनकी बातचीत होती थी और ऐसा करना एक राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी जवाबदेही भी थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ बातचीत के आधार पर किसी को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है।
वर्मा ने कहा कि अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है और यह जांच पटना उच्च न्यायालय की निगरानी में होगी तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति में पतंग महोत्सव के दौरान जब गंगा नदी में नाव डूबने से कई लोगों की जान गई थी, उस समय तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री थे लेकिन उस समय उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था। यादव की यह फितरत है कि जब उनके साथ कुछ होता है तो वह चुप रहते हैं लेकिन दूसरों का जब मामला आता है तो वह उस पर हाय-तौबा मचाने लगते हैं।