नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश में जैव ईंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयासरत है और 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश से 12 जैव ईंधन रिफाइनरी लगाने की योजना बनाई गयी है।
विश्व जैव ईंधन दिवस के मौके पर शुक्रवार को आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने एथनोल मिश्रण कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस दिशा में तेजी से काम किया है और अगले चार वर्ष में एथनोल का उत्पादन तिगुना कर 450 करोड़ लीटर करने का लक्ष्य है जिससे तेल आयात पर खर्च किए जाने वाले 12 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी।
मोदी ने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से 12 जैव ईंधन रिफाइनरी लगाने की योजना है। प्रत्येक रिफाइनरी से एक से डेढ़ हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनोल मिश्रण और 2030 तक इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है।
देश में तेल आयात जरूरत के लिए 80 प्रतिशत से अधिक मात्रा का आयात किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैव ईंधन के इस्तेमाल से आयात पर तो निर्भरता कम होगी ही किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सरकार के खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागत की तुलना में डेढ़ गुना किए जाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह कदम किसानों की आय बढ़ाने में काफी मददगार होगा।