सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले लगभग सभी सदस्य भाजपा के हैं। सबगुरु न्यूज के हाथ लगे दस्तावेजों के अनुसार इनमें सिर्फ एक सदस्य कांग्रेस का है, लेकिन यह नाम भी बाद भाजपा के एक अन्य सदस्य का नाम काटकर अलग ही स्याही से लिखा गया है।
जो इस बात की ओर इंगित कर रहा है कि यह नाम बाद में जानबूझकर हटाए गए हैं। इन लोगों के नाम सामने आने पर जिले में भाजपा के ही दो बड़े नेताओं का निशाना बनने के आसार के कारण सात सदस्यों में से सदस्य संख्या एक का नाम काटकर इनकी जगह कांग्रेस के जिला परिषद सदस्य कुलदीपसिंह का नाम लिखा गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल अविश्वास प्रस्ताव की प्रतिलिपि के अनुसार वार्ड संख्या-6 की उर्मिला देवी संत, 9 की सदस्य नर्मदाकुमारी कोली, 16 का धनाराम गमेती, 18 से लीलादेवी, 19 से संतोष मीणा, वार्ड संख्या 15 से पुष्करलाल गरासिया तथा वार्ड संख्या एक से कुलदीपसिंह ने यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इसमें कुलदीपसिंह के अलावा शेष सभी जिला परिषद सदस्य भाजपा के हैं।
सोशल मीडिया में वायरल अविश्वास प्रस्ताव की प्रतिलिपि में पहले नम्बर पर वार्ड संख्या तीन की जिला परिषद सदस्या गिरीजा कुंवर के नाम व हस्ताक्षर हैं, जिसे काटा गया है। इनके स्थान पर कुलदीपसिंह ने नीले रंग की स्याही से अलग हस्ताक्षर किए हैं। जबकि पूर्व में किए गए सभी हस्ताक्षर काले रंग से हैं। इतना ही नहीं प्रथम नम्बर पर गिरीजाकुंवर का नाम भी किसी अन्य सदस्य का नाम काटकर लिखा हुआ प्रतीत हो रहा है। इस प्रतिलिपि में गिरीजा कंवर से का नाम भी एक अन्य राजपुरोहित सदस्य का नाम काटकर लिखा हुआ स्पष्ट प्रतीत हो रहा है।
-अविश्वास प्रस्ताव के साथ ही आॅडियो भी वायरल
जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के समय पर ही सोशल मीडिया पर एक आॅडियो भी वायरल हो गया। बताया जा रहा है यह आॅडियो जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं आ पाए इसके लिए एक जिला परिषद सदस्य के पति से की जा रही है।
सोशल मीडिया पर यह आवाज जिला प्रमुख के पति और एक जिला परिषद सदस्य के पति के बीच बताई जा रही है। इसमें जिला प्रमुख का समर्थक व्यक्ति जिला परिषद सदस्य के पति से जिला परिषद सदस्य को अहमदाबाद से सिरोही नहीं लाने की बात कह रहा है।
वहीं जिला परिषद सदस्य बडे़ ही सभ्य आवाज में जिला प्रमुख की पैरवी कर रहे व्यक्ति से कह रहा है कि साहब हमने तो बड़ी इज्जत से इस सीट को जीता था। हमारे क्षेत्र में काम नहीं करवाकर हमारी किरकिरी करवा दी है। वह यह भी कह रहा है कि वह अपनी पत्नी का इस्तीफा दिलवा देगा, जिससे वह अविश्वास प्रस्ताव में उसके जाने की शंका का ही समाधान कर दे।
जिला परिषद सदस्य उर्मिला नाम की सदस्य का नाम लेते हुए पुरुष कहता है कि आपका भाई हमें उस वक्त पैसे देने आए थे तो उसके पापा ने उनसे यही कहा था कि आप पार्टी से टिकिट लेकर आओ वोट आपको दे देंगे। आॅडियों में जिला परिषद सदस्य पति आगे कहते हैं कि हमने आपको वोट दिया, जमीन पर काम करके हम जीतकर आए और आपने सब खराब कर दिया। आज हमारा कोई अचीवमेंट नहीं है कि हम गर्व कर सकें कि यह काम हमारे द्वारा करवाया गया है।
-एक हस्ताक्षर उर्मिला का भी
जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्तुत करने वालों में सात सदस्यों की जरूरत थी। यह सातों ही भाजपा के थे, लेकिन बाद में भाजपा के एक सदस्यों के नाम और हस्ताक्षर पर काली लकीरें फेरकर उसका नाम हटाया हुआ प्रतीत हो रहा है और अंत मंे नीले रंग की स्याही से कांग्रेस के सदस्य कुलदीपसिंह का नाम लिखा हुआ है। इसी में दूसरे नम्बर पर किसी उर्मिला कुमारी संत का भी नाम और हस्ताक्षर हैं।