रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का आज यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह लगभग 91 वर्ष के थे।
राजभवन के सूत्रों ने बताया कि टंडन को सुबह दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद तुरंत उन्हे शासकीय अम्बेडकर अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू किया और बाहर से भी डाक्टरों को बुलाया गया, लेकिन डाक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। टंडन काफी समय से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने शासकीय अम्बेडकर अस्पताल पहुंचकर डाक्टरों से बातचीत की और फिर बाहर आकर पत्रकारों को राज्यपाल के निधन की जानकारी दी।
स्व टंडन को केन्द्र में मोदी सरकार के गठन के बाद छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उनका जन्म 1 नवंबर 1927 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वे निरन्तर सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यो की वजह से टण्डन पंजाब की जनता में काफी लोकप्रिय रहे।
टंडन वर्ष 1953 से वर्ष 1967 के दौरान अमृतसर में नगर निगम पार्षद और वर्ष 1957, 1962, 1967, 1969 एवं 1977 में अमृतसर से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वर्ष 1997 के विधानसभा चुनाव में श्री टण्डन राजपुरा विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने पंजाब मंत्रिमंडल में वरिष्ठ केबिनेट मंत्री के रूप में उद्योग, स्वास्थ्य, स्थानीय शासन, श्रम एवं रोजगार आदि विभागों में अपनी सेवाएं दी और कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया।
टण्डन वर्ष 1979 से 1980 के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। टंडन जेनेवा में श्रम विभाग के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के उपनेता के रूप में शामिल हुए और सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में सार्क देशों के स्थानीय निकाय सम्मेलन में भी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।