नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि के क्षेत्र में आ रहे बदलाव और फसलों के रिकार्ड पैदावार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आज कहा कि देश पहली बार कृषि निर्यात नीति की दिशा में आगे बढ़ रहा हैं ताकि भारतीय किसान भी विश्व बाज़ार में ताकत के साथ खड़े हो सकें।
मोदी ने 72 वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज सरकार का पूरा ध्यान कृषि क्षेत्र में आधुनिकता और बदलाव लाने पर है। उसने आजादी के 75वें साल में किसानों की आय दोगुनी करने का सपना देखा है। यह फैसला हिम्मत के साथ किया गया है ताकि किसानों को फसल लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि किसान अब सोलर फार्मिंग पर भी बल देने लगा है। खेती के अलावा वे सोलर फार्मिंग से बिजली बेच कर भी कमाई कर सकता है। हम कृषि में आधुनिकता ला कर, कृषि के फलक को चौड़ा कर चलना चाहते हैं। बीज से ले करके बाजार तक में मूल्य संवर्द्धन करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के किसान इन दिनों आधुनिक और वैज्ञानिक खेती के लिये सूक्ष्म सिंचाई , टपक सिंचाई (ड्रीप एरीगेशन) और छिड़काव पद्धति से सिंचाई (स्प्रींकल) पर काम कर रहे है। आज नयी कृषि क्रांति, जैविक कृषि , नीली क्रांति ,स्वीट रिवोल्यूशन और सोलर फार्मिंग के नये दायरे खुल चुके हैं।
कृषि क्षेत्र में हुयी प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मछली उत्पादन में देश दुनिया में दूसरे स्थान पर आ गया है। शहद का निर्यात दोगुना हो गया है। गन्ना किसानों को खुशी होगी कि देश में एथनाल का उत्पादन तीन गुना हो गया है। देश में रिकार्ड अनाज का उत्पादन हो रहा है तथा रिकार्ड संख्या में ट्रैक्टरों की बिक्री हो रही है। वैज्ञानिकों के आधार, कल्पना और सोच के परिणामस्वरूप, ‘नाविक’ को हम लॉन्च करने जा रहे हैं। इससे देश के मछुआरों को लाभ मिलेगा।