नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में शुक्रवार को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। जो करीब चार बजे शांतिवन के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पहुंची। करीब साढ़े चार बजे उन्हें मुखाग्नि दी गई।
इससे पहले राजधानी के आईटीओ के निकट दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर पार्टी मुख्यालय से जब दो बजे अंतिम यात्रा शुरू हुई तो लोग भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गई तथा ‘वाजपेयी अमर रहे’ के नारों से आसमान गूंज उठा।
सुबह से ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के दूरदराज के इलाके से से आए लोग अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में उमड़ पड़े और पंक्तिबद्ध होकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए।
इससे पहले शव यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री तथा गणमान्य व्यक्ति कड़ी धूप और उमस भरे मौसम में भाजपा मुख्यालय, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग से लगभग सात किलोमीटर पैदल चलते हुए स्मृति स्थल पहुंचे। ये सभी वाहन के साथ साथ चल रहे थे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री विजय, दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी और युवा सांसद अनुराग ठाकुर समेत कई अन्य नेता भी पैदल चल रहे थे।
अंतिम संस्कार के समय स्मृति स्थल के आस पास जन समूह का सैलाब उमड़ पड़ा अौर वाजपेयी अमर रहे के नारों से आसमान गूंजने लगा। लाखों की तादाद में बच्चें, बूढे, स्त्रियां, युवक, किसान, कामगार तथा व्यापारी अपने प्रिय नेता की झलक देखने के लिए मौजूद थे।
अंतिम यात्रा आईटीओ, दिल्ली गेट, दरियागंज होते हुए स्मृति स्थल पहुंची आैर रास्ते में दोनों ओर लाखों की संख्या में लोग खड़े थे और पुष्प वर्षा कर रहे थे तथा नारे लगा रहे थे।
अंतिम यात्रा के लिए पूरे रास्ते में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मोदी के साथ एसपीजी के कमांडों पैदल चल रहे थे। वाजपेयी के पार्थिव शरीर को फूलों से सजे एक वाहन पर रखा गया था और वाहन पर रंग बिरंगी बड़ी छतरियां लगाई गई थी।
इस मौके पर तीनों थल सेना, वायु सेना आैर नौसेना सेना के दस्ते मौजूद थे। थलसेना की मराठा, सिख और गोरखा रजिमेंट के जवान भी उपस्थित थे। रक्षा मंत्री निर्मला सीमारमण और कई केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता व्यक्तिगत रुप से पहले से ही स्मृति स्थल पर मौजूद थे और निगरानी कर रहे थे।
वाजपेयी के अंतिम संस्कार के समय उनके परिवार के लोग भी उपस्थित थे। भूटान के नरेश जिग्मे वांगचुक, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेशमंत्री लक्ष्मण किरेला, बांग्लादेश के विदेश मंत्री, नेपाल के विदेश आैर पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जफर मंत्री भी इस मौके पर मौजूद रहे।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए उनके प्रशंसकों की भीड़ शुक्रवार बीजेपी मुख्यालय में उमड़ पड़ी और सुबह से ही उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा।
राजधानी के छह कृष्ण मेनन मार्ग स्थित वाजपेयी के निवास से जब उनका पार्थिव शरीर कड़ी सुरक्षा के बीच आईटीओ के पास दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में लाया गया तो हजारों की संख्या में लोग अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन करने के लिए पंक्तिबद्ध हो गए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,गृह मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, लाल कृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, रेल मंत्री पीयूष गोयल, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह और पार्टी के विभिन्न वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
सबसे पहले मोदी, सिंह और शाह ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद श्रद्धांजलि सुमन अर्पित करने वालों का तांता लग गया। लोग पंक्तिबद्ध होकर वाजपेयी की तस्वीर के सामने पुष्प अर्पित करके आगे बढ़ते गए।
मोदी और शाह पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर के भाजपा मुख्यालय पहुंचने से काफी पहले यहां पहुंच गये थे। इससे पूर्व वाजपेयी के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को वाहनों के काफिले के साथ उनके आवास से अकबर रोड, इंडिया गेट होते हुए दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय लाया गया जहां श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। लोग ‘वाजपेयी अमर रहे’ के नारे भी लगा रहे थे। भाजपा मुख्यालय के आसपास सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को शाम पांच बजकर पांच मिनट पर यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया था।