इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने और वहां सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले मिलने को लेकर विवाद में घिरे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का बचाव करते हुए खान ने उन्हें शांति दूत करार दिया है।
खान ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाऊंट से दो ट्वीट किए। एक ट्वीट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सिद्धू को शांति का दूत बताते हुए शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। दूसरे ट्वीट ने उन्होंने कश्मीर का राग अलापते हुए कहा कि भारत को कश्मीर और अन्य मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने लिखा कि मैं सिद्धू का मेरे शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान आने के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। सिद्धू शांति के दूत हैं और पाकिस्तान के लोगों ने उन्हें ढेर सारा प्यार दिया। पाकिस्तान आने के लिए जो लोग सिद्धू को निशाना बना रहे हैं, वे उपमहाद्वीप में शांति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बिना शांति के हमारे लोग उन्नति नहीं कर सकते।
खान ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि पाकिस्तान और भारत को आगे बढ़ने के लिए कश्मीर सहित सभी विवादों को वार्ता के जरिए सुलझाना चाहिए। गरीबी मिटाने और उपमहाद्वीप में जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए सबसे बेहतर मार्ग बातचीत है और इसके माध्यम से हमें मतभेद सुलझाकर व्यापार शुरू करना चाहिए।
उधर, सिद्धू ने भी मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन करके पाकिस्तान सेना प्रमुख बाजवा से गले मिलने पर सफाई दी और कहा कि खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वह एक दोस्त के नाते गए थे और इस यात्रा का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है।
सिद्धू ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख से केवल शपथ ग्रहण समारोह में मुलाकात की थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह (वाजपेयी) कारगिल की लड़ाई के बाद भी ‘दोस्ती की बस’ लेकर लाहौर गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को न्यौता भेजा था और बिना निमंत्रण के शरीफ के पारिवारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने भी पाकिस्तान गए थे।