नयी दिल्ली । अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध से भारतीय बाजार में सस्ते स्टेनलेस स्टील की ‘डंपिंग’ बढ़ सकती है जिससे घरेलू उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।
निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े स्टेनलेस स्टील निर्माता जिंदल स्टेनलेस समूह के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के कारण चीन निश्चित रूप से भारत जैसे देशों में अपना निर्यात बढ़ायेगा। अभी चीन से सालाना 20 हजार टन स्टेनलेस स्टील का आयात होता है। इसमें आने वाले दिनों में वृद्धि की आशंका है।
जिंदल ने यूनीवार्ता से बातचीत में बताया कि स्टेनलेस स्टील उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि इस उत्पाद को प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक समझौते (आरसीईपी) से बाहर रखा जाना चाहिये। आरसीईपी 10 आसियान देशों और छह एशिया-प्रशांत देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता होगा।
उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया और जापान के साथ मुक्त व्यापार समझौते के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हो रहा है। इन देशों के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ रहा है जबकि मुक्त व्यापार समझौते का उद्देश्य व्यापार संतुलन स्थापित करना होता है। इंडोनेशिया और चीन से भी स्टेनलेस स्टील का आयात चिंता का विषय है।