नई दिल्ली। फ्रांसीसी कंपनी एयरबस के ए320 निओ विमानों में कम्बशन इंजन की पुरानी समस्या एक बार फिर सामने आने लगी है जिसके कारण देश में नौ निओ विमानों को ग्राउंड करना पड़ा है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों की सुरक्षा को सवोच्च प्राथमिकता बताते हुए मामले में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से रिपोर्ट माँगी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने ए320 निओ विमानों की ग्राउंडिंग पर डीजीसीए से रिपोर्ट तलब की है। प्रभु ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्त्वपूर्ण है और इस पर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।
डीजीसीए ने मंत्री को सौंपी अपनी आरंभिक रिपोर्ट में बताया है कि इस समय देश में प्रैट एंड ह्विटनी इंजन वाले 60 ए320 निओ विमान हैं जिनमें 41 इंडिगो के पास और 19 गोएयर के पास हैं। इंडिगो के सात और गो एयर के दो विमान कम्बशन चैंबर में समस्या के कारण इस समय ग्राउंडेड हैं।
उसने बताया कि इन इंजनों में डिस्ट्रेस का पता नियमित जांच के दौरान बोरो स्कोप इंस्पेक्शन में चला है और इसलिए यात्रियों की सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं हुआ है।
करीब दो साल पहले तक ए320 निओ विमानों में लगे प्रैट एंड ह्विटनी इंजनों में यह समस्या आ रही थी। इसके बाद इंजन निर्माता प्रैट एंड ह्विटनी ने समस्याग्रस्त विमानों के ब्लॉक बी कम्बशर की जगह ब्लॉक सी कम्बशर लगाया था। मार्च 2018 के बाद से वह अपने इंजनों में ब्लॉक सी कम्बशर ही लगा रही है जो ज्यादा टिकाऊ और मजबूत हैं।
डीजीसीए ने बताया कि फिलहाल ग्राउंडेड सभी निओ विमानों में ब्लॉक बी कम्बशर लगे हुए हैं। उसने बताया कि उसने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले ही बोरो स्कोप इंस्पेक्शन का अंतराल कम कर दिया है।
नियामक का कहना है कि वह और संबंधित एयरलाइंस इंजन निर्माता के साथ लगातार संपर्क में हैं और सुरक्षा के लिहाज से किसी अतिरिक्त उपायों की आवश्यकता नहीं है।