लखनऊ। यूपी में उन्नाव गैंगरेप मामले के गवाह यूनुस के शव को शनिवार रात कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम कराने के विरोध में उसके परिजनों ने यहां मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने का प्रयास किया।
पुलिस सूत्रों ने रविवार को बताया कि उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले के गवाह युनूस की कथित बीमारी के चलते कुछ दिन पहले रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने बगैर पुलिस की इजाजत के शव को स्थानीय क्रबिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था।
इस बहुचर्चित केस में गवाह की मृत्यु के बाद कई सवाल खड़े हो गए थे। हालांकि युनूस के परिवार का कहना है कि उसकी मृत्यु लीवर संबंधी बीमारी के चलते हुई थी। इस बीच पीड़ित लड़की के परिवार का आरोप था कि गवाह की बीमारी से मृत्यु नहीं बल्कि उसकी हत्या हुई है। इस पर पीड़िता के चाचा ने युनूस की साजिशन हत्या किए जाने की बात कहते हुए शव को कब्र से निकालकर उसका पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी।
सूत्रों के अनुसार युनूस का शव क्रब से निकालने का विरोध करते हुए उसके परिवार के लोगों ने इसे शरीयत के खिलाफ बताया था। युनूस के परिजनों ने उसके शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराने के विरोध में शनिवार बीती रात करीब नौ बजे परिवार की महिला एवं पुरुष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ पहुंचे थे।
परिजनों की योग से मुलाकात नहीं हुई तो उन लोगों ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर महिलाओं को महिला थाने तथा पुरुषों को बथरा थाने ले गई।
गौरतलब है कि उन्नाव ज़िले के बांगरमऊ से भारीय जनता पार्टी विधायक कुलदीप सेंगर पर एक युवती ने सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। इस मामले के आरेपी विधायक जेल में बंद हैं। मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों द्वारा जांच की जा रही है।