नयी दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने भारतीय उद्योग से केन्या की जरुरतों और परिस्थितियों के अनुरुप उत्पाद तथा तकनीक का निर्माण करने का आह्वान करते हुए कहा है कि दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार, निवेश और सहयोग बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं हैं।
प्रभु ने नैरोबी में भारत- केन्या संयुक्त व्यापार समिति की आठवीं बैठक में भाग लेने के बाद दोनों देशों के कारोबारियों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्याई बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार उत्पादों और तकनीक का निर्माण किया जाना चाहिए। इसके लिये उद्याेग को अनुसंधान और डिजायन की ओर ध्यान देने की जरुरत है। उन्होंने भारतीय उद्योगपतियों से केन्या के बाजार का व्यापक अध्ययन करने का अनुरोध किया गया जिससे दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को प्रोत्साहन दिया जा सके।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्याेग मंत्रालय ने आज यहां बताया कि नैरोबी में दोनों देशों की संयुक्त व्यापार समिति की बैठक 22 से 25 अगस्त तक आयोजित की गयी। इससें भारतीय पक्ष का नेतृत्व श्री प्रभु ने तथा केन्या के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केन्याई उद्योग, व्यापार एवं सहकारिता मंत्री पीटर मुन्या ने किया। पिछली बैठक फरवरी 2015 को नयी दिल्ली में आयोजित की गयी थी।
बैठक में केन्या चार प्रमुख एजेंडों – खाद्य सुरक्षा, किफायती आवास, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा एवं विनिर्माण तथा द्विपक्षीय व्यापार एवं विविधीकरण में भारतीय याेगदान पर विशेष रुप से चर्चा की गयी। इसके अलावा केन्या ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, 22 करोड़ डालर के ऋण के क्रियान्वयन, बिजली पारेषण लाइन के विस्तार, लघु उद्योगों के विकास, कृषि उपकरण, उच्च स्तर पर किये गये निर्णयों का क्रियान्वयन, स्वास्थ्य, समुद्री उत्पादों खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तथा विश्व व्यापार संगठन के मुद्दों पर भी बैठक विचार विमर्श हुआ।
बैठक के बाद दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत- केन्या संयुक्त कारोबार परिषद की बैठक में हिस्सा लिया। प्रभु ने केन्या में भारतीय समुदाय से भी बातचीत की अौर केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों से अवगत कराया।
यात्रा के दौरान श्री प्रभु ने केन्या के राष्ट्रपति उहारु केन्याता और उप राष्ट्रपति विलियम रुटो से भी मुलाकात की। हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत और केन्या पड़ोसी देश हैं और दोनों देशों के बीच व्यापारिक एवं जन संपर्क प्राचीन समय से हैं। केन्या का भारत सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और दूसरा सबसे बड़ा निवेशक हैं। इसके अलावा केन्या में विदेशी पर्यटकों की आमद में भारत का तीसरा स्थान हैं।