नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के 500 रुपए और 1000 रुपए मूल्य के पुराने नोटों को प्रचलन से हटाने के मद्देनजर 99.3 फीसदी पुराने नोटों के वापस आने के आकंड़े जारी करने के बीच सरकार ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी जिन उद्देश्यों को लेकर की गई थी वह काफी हद तक उसे हासिल करने में सफल रही है।
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि नोटबंदी के प्रमुख उद्देश्यों में कालेधन को नियंत्रित करना, आतंक वित्त पोषण पर काबू पाना, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना और नकली नोटों को प्रचलन से बाहर करना शामिल था और लगभग ये सभी उद्देश्य पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी वाले 10 हजार करोड़ रुपए मूल्य के नोट अब भी बाहर हैं।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय बैंक ने बुधवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी वाले 500 रुपए और एक हजार रुपए के 15,310.73 लाख करोड़ रुपए मूल्य के पुराने नोट वापस आए। नोटबंदी से पहले 08 नवंबर 2016 को 15,417.93 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 500 और एक हजार रुपए के पुराने बैंक नोट प्रचलन में थे।
उन्होंने कहा कि देश में नोटबंदी वाले नोटों को रखने का अपराध घोषित कर कानून बनाया गया है लेकिन विदेशों में लोगों के पास पुराने नोटों के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन में तेजी आई और अब यूपीआई पर हर महीने 25 करोड़ लेनदेन हाे रहे हैं।
रुपया में जारी गिरावट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लगातार निकासी करने के कारण भारतीय मुद्रा पर दबाव बना है। लेकिन हाल के दिनों में करीब एक अरब डॉलर का सकारात्मक प्रवाह बढ़ा है जिससे रुपए को बल मिलने की संभावना है। उन्होंने डॉलर की तुलना में रुपया के 68 से 70 रुपए प्रति डॉलर के बीच रहने की उम्मीद जताते हुए कहा कि भारतीय मुद्रा में गिरावट अस्थायी है।
तेल विशेष कर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आई तेजी के बारे में उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे घटनाक्रम के कारण इसमें बढोतरी हुई है लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में जैसे ही तेल 70 से 71 डॉलर प्रति बैरल पर आयेगा भारतीय बाजार में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में उत्पादन घटने का असर भी इसकी कीमतों पर हुआ है।