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Practice' scheme to link youth to agriculture: Trilochan Mahapatra - युवाओं को कृषि से जोड़ेगी ‘अभ्यास’ योजना: त्रिलोचन महापात्रा - Sabguru News
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युवाओं को कृषि से जोड़ेगी ‘अभ्यास’ योजना: त्रिलोचन महापात्रा

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युवाओं को कृषि से जोड़ेगी ‘अभ्यास’ योजना: त्रिलोचन महापात्रा
Practice' scheme to link youth to agriculture: Trilochan Mahapatra
Practice' scheme to link youth to agriculture: Trilochan Mahapatra
Practice’ scheme to link youth to agriculture: Trilochan Mahapatra

नयी दिल्ली । सरकार शिक्षित युवाओं को कृषि से जोड़ने के लिए ‘ अभ्यास ’ योजना शुरु करेगी जिससे वे न केवल आर्थिक लाभ अर्जित कर सकेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने गुरुवार को ‘युवाओं को कृषि की ओर प्रेरित और आकर्षित करने’ संबंधी क्षेत्रीय सम्मेलन को यहां सम्बोधित करते हुए कहा कि अभ्यास योजना के तहत विज्ञान से स्नातक करने वाले छात्रों को उनकी ईच्छा वाले क्षेत्र में कृषि सेवा के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा। चार पांच माह के प्रशिक्षण के बाद इन छात्रों को अपने उपक्रम स्थापित करने के लिए सस्ते दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जायेगा।

डा महापात्रा ने कहा कि ऐसे युवा एग्री क्लीनिक , मृदा जांच केन्द्र या कृषि से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कोई और काम कर सकते हैं। इससे युवा दूसरों को रोजगार भी दे सकते हैं और किसानों की समस्याओं का काफी हद तक समाधान कर सकते हैं। इसके लिए अलग से एक कोष की स्थापना की जायेगी।

महानिदेशक ने केवल पाँच प्रतिशत युवाओं के कृषि से जुड़े होने पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए ‘आर्या’ कार्यक्रम के तहत देश के 25 राज्यों के एक-एक जिले में युवकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इन जिलों के चार-पाँच गाँवों का कलस्टर बनाया गया है जहाँ कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक 200 युवाओं को आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

डॉ. महापात्रा ने कहा कि गाँवों में युवाअों के लिए रोजगार का कोई विकल्प नहीं बचता है तो अंत में वे मन मारकर खेती के लिए तैयार होते हैं। शहरों में वे छोटे-मोटे काम करना पसंद करते हैं, लेकिन खेती करना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि आकर्षण के अभाव में किसान भी अब अपने बच्चों को खेती में नहीं लगाना चाहते। वे ‘डोनेशन’ देकर अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाना चाहते हैं।

इस अवसर पर जाने-माने कृषि वैज्ञानिक आर.एस. परोदा ने कहा कि युवाओं के लिए खेती एक लाभदायक और सम्मानजनक व्यवसाय नहीं रह गया है और न ही यह खाद्य, पोषण तथा आजीविका सुरक्षा प्रदान करने का कोई टिकाऊ उपाय रह गया है।