काठमांडू । नेपाल की राजधानी काठमांडू में चौथा दो दिवसीय बिम्सटेक सम्मेलन शुक्रवार का समाप्त हो गया और सातों सदस्य देशों ने बहुप्रतीक्षित काठमांडू घोषणा को अंगीकार किया जिसमें आतंकवाद से लडने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। इसके अलावा बिम्सटेक की अध्यक्षता श्रीलंका को दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिम्सटेक की अध्यक्षता अब श्रीलंका को दी गई है और निवर्तमान अध्यक्ष तथा नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस बात पर जाेर दिया है कि इस संगठन को अब और “परिणामोन्मुखी निकाय” के रूप में बदला जाना चाहिए।”
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने ट्वीट कर कहा इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने, समृद्धि अौर सतत विकास की अवधारणा और सामूहिक सोच अर्थपूर्ण ढंग से चाैथे बिम्सटेक सम्मेलन घोषणापत्र में दर्शाई गई है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल इस सम्मेलन की शुरूआत में कहा था कि बिम्स्टेक के सदस्य देशों के बीच केवल राजनयिक संबंध ही नहीं हैं बल्कि ये संस्कृति तथा सभ्यता के अटूट बंधनों से बंधे हैं और इसी परंपरा पर आगे बढ़ते हुए उन्हें एक – दूसरे के प्रयासों का पूरक बनना होगा क्योंकि परस्पर जुड़ी दुनिया में कोई भी देश अकेले विकास, शांति और समृद्धि हासिल नहीं कर सकता।
मोदी ने कहा था कि संपर्क को व्यापक दायरे में देखा जाना चाहिए और इसमें व्यापार, आर्थिक, यातायात और डिजिटल संपर्क के साथ-साथ, लोगों के बीच संपर्क सभी का ध्येय होना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने कहा था कि बिम्स्टेक तटीय नौवहन समझौते और बिम्स्टेक मोटर यान समझौते को अमली जामा पहनाये जाने की जरूरत है ।