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Idea and Vodafone merge,Vodafone Idea Limited - आइडिया और वोडाफोन के विलय के साथ बनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड - Sabguru News
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आइडिया और वोडाफोन के विलय के साथ बनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड

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आइडिया और वोडाफोन के विलय के साथ बनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड
Idea and Vodafone merge,Vodafone Idea Limited
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नयी दिल्ली । दूरसंचार सेवायें देने वाली दो प्रमुख कंपनियों आइडिया सेलुलर लिमिटेड और वोडाफोन इंडिया का विलय पूरा होने के साथ ही नयी कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड 40.80 करोड़ उपभोक्ताओं के साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गयी है। ग्राहकों की संख्या के आधार पर 15 साल से नंबर एक कंपनी रही भारती एयरटेल अब दूसरे पायदान पर आ गयी है।

आदित्य बिरला ग्रुप ने शुक्रवार को शेयर बाजारों काे सूचित किया कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गुरुवार को वोडाफोन इंडिया अौर आइडिया सेलुलर के विलय को मंजूरी दे दी। इसके मद्देनजर शुक्रवार को संबंधित कंपनी रजिस्टारों को इससे अगवत करा दिया गया है। संबंधित नियामकों को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है।

आदित्य बिरला ग्रुप के अध्यक्ष कुमार मंगलम् बिरला को विलय के बाद बनी नयी कंपनी का अध्यक्ष बनाया गया है। कंपनी का नया निदेशक मंडल बनाया गया है जिसमें छह स्वतंत्र निदेशकों सहित कुल 12 निदेशक हैं। इसमें वोडाफोन ग्रुप की हिस्सेदारी 42.5 प्रतिशत और आइडिया सेलुलर की हिस्सेदारी 26 फीसदी होगी। निदेशक मंडल ने श्री बलेश शर्मा को नयी कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है। नयी कंपनी की टेलीकॉम बाजार में राजस्व हिस्सेदारी 32.2 प्रतिशत है।

इस मौके पर श्री बिरला ने कहा कि आज देश को सबसे बड़ा दूरसचार ऑपरेटर मिला है। इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुये उन्होंने कहा कि कोई बड़ा कारोबार बनाने से कहीं अधिक बड़ा काम हुआ है जो नये भारत को सशक्त और सक्षम बनाने के दृष्टकोण के अनुरूप है। यह देश के युवाओं की आकंक्षाओं को पूरा करने वाला है।

विलय के बावजूद आइडिया और वोडाफोन दोनो ब्रांड अलग-अलग काम करेंगे। दोनों ब्रांडों में निवेश किया जायेगा। आइडिया में जहां 67.5 अरब रुपये का निवेश होगा, वहीं वोडाफोन में 86 अरब रुपये का निवेश किया जायेगा।

दोनों कंपनियों के टावर कारोबार का 78.5 अरब रुपये में मौद्रिकरण किया जा रहा है और दूरसंचार विभाग को 39 अरब रुपये का भुगतान किये जाने के बाद उसके पास 193 अरब रुपये की नकदी है। कंपनी की इंडस में अपनी 11.15 फीसदी हिस्सेदारी है जिसे कंपनी बेचकर वह 51 अरब रुपये जुटा सकती है। इस वर्ष 30 जून तक कंपनी पर 1,092 अरब रुपये का कुल ऋण था।

विलय के मद्देनजर नयी कंपनी के पास 1850 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम है जिससे ग्राहकों को 2जी, 3जी और 4जी सेवायें दी जा रही हैं। कंपनी के पास 3.40 लाख ब्रॉड बैंड टावर और दो लाख जीएसएम टावर हैं। इसके दायरे में देश की 92 फीसदी आबादी है। कंपनी के पास 17 लाख रिटेलर और 15 हजार ब्रांडेड स्टोर हैं।