बरेली । उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा)अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी/एसटी) कानून में दर्ज मुकदमों में बिना जांच गिरफ्तारी करने से गैर अनुसूचित जाति के लोगों का शोषण और उत्पीड़न होगा। इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला सही था।
राजभर ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार ने दबाव में आकर नया संशोधित एक्ट लागू कराने के प्रयास किए हैं क्योंकि राज्यसभा में अनुसूचित वर्ग से सांसद ज्यादा है। उन्होंने कहा है कि सरकार किसी भी दबाव में ऐसे फैसले न ले, जिससे वर्ग संघर्ष जैसी स्थिति उत्पन्न हो।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला सही था, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के चलते केंद्र सरकार ने गलत बिल पास करा दिया,जबकि सवर्ण-पिछड़ा वर्ग किसी भी सरकार को बनाने एवं गिराने की ताकत रखता है।
राजभर ने कहा कि कुछ लोग मामूली विवाद में भी परिवार के 10 लोगों के नाम मुकदमा लिखवा देते हैं। ऐसे में हम न्यायालय के फैसले के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी दोस्ती भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से है। इस वजह से वर्ष 2022 तक उनकी पार्टी भाजपा के साथ रहेगे लेकिन भाजपा सरकार कुछ गलत करेगी तो वह उसका विरोध भी करते रहेंगे।
मंत्री राजभर ने कहा कि कुछ नेता और नौकरशाह मिलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को ठीक से काम नहीं करने दे रहे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी यूपी में उच्च न्यायालय की बेंच की स्थापित होनी चाहिए। प्रदेश सरकार में नौकरशाह हावी है तथा कुछ नेता भी बाधाएं पैदा कर रहे हैं। उन्होंने 2019 के चुनाव के बारे में कहा गठबंधन की बात करने वाले अभी तो मैदान में ही नहीं है।