मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर में हालही में मिले विस्फोटक के मामले में गिरफ्तार किये गये दक्षिणपंथी हिन्दू कार्यकर्ताओं के कथित निशाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और अन्य लोग थे।
महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता ने शुक्रवार को बम्बई उच्च न्यायालय में एक आरोपी की हिरासत बढ़ाने की मांग करते समय अदालत को यह जानकारी दी।
आतंकवाद रोधी दल (एटीएस) ने आरोपी अविनाश पवार की हिरासत बढ़ाने का आवेदन करते हुए अदालत को बताया कि राकांपा नेता जितेन्द्र अव्हाड, मुक्ता दाभोलकर, श्याम मानव (अखिल भारतीय अंध्रश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष) और कार्यकर्ता रीतू राजे आरोपियों के निशाने पर थे।
न्यायाधीश ने आरोपी पवार के संबंध में जब विस्तृत जानकारी देने के लिए कहा तब जांच एजेंसी ने इस बात का खुलासा किया।
पवार सरकारी शिपिंग कंपनी का कर्मचारी है और उसे 24 अगस्त को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। आरोपी के साथियों वैभव राउत, शरद कालसकर, सुधानवा गोंधलेकर और श्रीकांत पंगारकर को राज्य के अलग अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया जा चुका है।
एटीएस ने आगे बताया कि पवार जिसकी हिरासत अंतत: 4 सितंबर तक बढ़ा दी गई। उसने राज्य के अज्ञात स्थान पर शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण भी लिया था।
एटीएस ने 10 अगस्त को मुंबई से सटे नाला सोपारा और पालघर में कई बंगलों और अन्य जगहों पर छापे मारे थे। छापे के दौरान बम और शस्त्र बनाने की एक छोटी से फैक्ट्री का पता लगाया था। एटीएस ने कहा कि मुंबई, पुणे, सोलापुर और सतारा में आतंकवादी गतिविधि की आशंका थी।
गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों का हिन्दू सनातन संस्था, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दू और हिन्दू जनजागृति समिति से संपर्क है। इन संस्थाओं ने आरोपों को खारिज कर दिया।
एटीएस यह भी जांच कर रही है कि गिरफ्तार आरोपियों का दाभोलकर, भाकपा नेता गोविंद पंसारे, एम एम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में भी हाथ था या नहीं।