नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव प्रचार के लिए गत 26 अप्रैल को दिल्ली से हुबली जाते समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के विमान में तकनीकी खराबी आने से वह अचानक 735 फुट नीचे चला गया था और पायलट ने विमान को बचाने के लिए हरकत में आने में देरी की थी। यह बात नागर विमानन महानिदेशालय की रिपोर्ट में कही गई है
कांग्रेस ने उस समय इस घटना में साजिश का आरोप लगाया था जिसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ने जांच का आश्वासन दिया था। लिगेयर एविएशन के उस विशेष विमान में दो पायलट, एक केबिन क्रू और एक इंजीनियर के अलावा गांधी समेत पांच यात्री सवार थे।
डीजीसीए की शुक्रवार को सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान ने भारतीय समयानुसार सुबह 9.23 बजे दिल्ली से उड़ान भरी थी और एक घंटे 39 मिनट बाद हैदराबाद के पास ऑटो पायलट फेल हो गया। उस समय विमान 41 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था।
दोनों पायलट ऑटो पायलट को ‘डिसइंगेज’ करने में लग गए थे जबकि इसी दौरान विमान दाहिनी ओर झुकने लगा। पंद्रह सेकेंड में विमान 65 डिग्री तक झुक गया था। तब पालयट ने मैनुअल कंट्रोल की कोशिश की, लेकिन उन्होंने यह ध्यान नहीं दिया कि विमान नीचे की ओर जा रहा है। पंद्रह सेकेंड में विमान 125 फुट नीचे चला गया था।
अगले नौ सेकेंड में जब तक पायलटों ने विमान के झुकने पर नियंत्रण पाया तब तक विमान 610 फुट और नीचे चला गया था। इस प्रकार 24 सेकेंड में विमान 735 फुट नीचे चला गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलटों ने हरकत में आने में थोड़ी देरी कर दी लेकिन फिर उन्होंने नियंत्रण कर लिया। उड़ान भरने के दो घंटे 10 मिनट बाद विमान हुबली में सुरक्षित उतरा।