मिर्जापुर । उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर की एक अदालत ने विश्व प्रसिद्ध बिन्ध्याचल धाम में यजमान को दर्शन कराने को लेकर हुये आपसी विवाद में दो पंडों की हुई हत्या के मामले मेें एक अभियुक्त को उम्रकैद की सजा तथा तीन लाख 27 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई।
अदालत ने जुर्माने की धनराशि मृतक की विधवाओं को आधा आधा दिए जाने का आदेश दिया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 11 दिसंबर 2014 को बिन्ध्याचल कोतवाली क्षेत्र के पुरानी वीआईपी रोड़ पर सुबह दस बजे मंदिर के पंडा मृत्युंजय दूबे, उनका भाई धनंजय और करीबी रिस्तेदारर शिवशंकर गिरी कुछ यजमानो को लेकर विश्व प्रसिद्ध बिन्ध्याचल धाम दर्शन कराने जा रहे थे। रास्ते में उन्हे ज्ञानशंकर पांडे और उनका किशोर पुत्र मिल गये।
ज्ञानचन्द्र ने यजमानों को अपना बताया और कहा कि उन्हे वह दर्शन करायेंगे। इसी बात पर पंडो के बीच विवाद बढ़ गया। विवाद बढ़ने पर ज्ञानचन्द्र ने अपनी लाइसेन्सी बन्दूक से तीनों पर फायरिंग कर दी। इस घटना में मृत्युंजय दुबे और शिवशंकर की गोली लगने सेे मौके पर ही मौत हो गयी जबकि धन्जय बच गया। इस मामले में मृतक के भाई ने पिता तथा पुत्र के खिलाफ नामदज रिपोर्ट दर्ज करायी।
अपर सत्र न्यायाधीश देवकान्त शुक्ल ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई के बाद ज्ञानचन्द्र को दोषी करार देते हुये उम्रकैद की सजा के तथा तीन लाख 27 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। न्यायाधीन ने कहा कि छोटी सी बात पर तीन लोगों जान से मारने की घटना किसी भी तरह से क्षमा के काबिल नहीं है।