नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताते हुये शुक्रवार को कहा कि निजी वाहनों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वाहन पूलिंग की संभावनाओं का पूरा लाभ उठाया जाना चाहिए और ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की चाहिए कि भविष्य में निजी वाहनों की तुलना में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले।
मोदी ने देश में पर्यावरण अनुकूल एवं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने पर विचार विमर्श के लिए नीति आयोग द्वारा आयोजित पहले वैश्विक मोबिलिटी शिखर सम्मेलन का यहां शुभारंभ करते हुये कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने कहा “इंडिया इज ऑन द मूव ,आवर इकोनॉमी इज ऑन द मूव”। उन्होंने मोबिलिटी की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि मोबिलिटी अर्थव्यवस्था को गति देने वाला मुख्य कारक है। बेहतर मोबिलिटी से यात्रा और परिवहन का बोझ कम होता है तथा इससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है। मोबिलिटी रोजगार प्रदान करने वाला बहुत बड़ा क्षेत्र है और इस क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर पैदा होने की व्यापक संभावना है।
उन्होंने कहा कि भारत में भविष्य की मोबिलिटी पर उनका दृष्टिकोण ‘7 सी’पर आधारित है। इनमें कॉमन, कनेक्टेड, कॉन्वेनियेंट, कंजेशन फ्री, चार्जड, क्लीन, कटिंग ऐज शामिल हैं। उन्होंने मोबिलिटी के दूसरे पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुये कहा कि कनेक्टेड मोबिलिटी से भाैगोलिक एकीकरण के साथ ही परिवहन के साधन जुड़ते हैं। इंटरनेट से जुड़ी भागीदारी वाली अर्थव्यवस्था उभर रही है क्योंकि यह मोबिलिटी का आधार है। उन्होंने कहा कि निजी वाहनों का पूरा उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वाहन पूलिंग की पूरी संभावनाओं का लाभ उठाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में मौजूद देश-विदेश की प्रमुख मोबिलिटी कंपनियों के प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि आने वाले समय में प्राइवेट मोड की तुलना में सार्वजनिक परिवहन को वरीयता मिल सके। मोबिलिटी पहलों में साझा सार्वजनिक परिवहन मूल तत्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान कार से भी आगे होना चाहिए। स्कूटर और रिक्शा जैसे वाहनों पर भी ध्यान दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा इकोसिस्टम बनाया जाना चाहिए जिसमें गांव के लोग बगैर किसी कठिनाई के सुगमता से अपने उत्पाद शहरों में ला सके।
मोदी ने कहा कि भारत को ‘स्वच्छ किलोमीटर’ का नेतृत्व करना चाहिए और प्रदूषण मुक्त स्वच्छ ड्राइव इसका उद्देश्य होना चाहिए। स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित स्वच्छ मोबिलिटी जलवायु परिवर्तन से निपटने का शक्तिशाली हथियार है। इसका मतलब है कि प्रदूषण मुक्त स्वच्छ ड्राइव जिससे स्वच्छ हवा और लोगों के लिए बेहतर जीवनशैली मिल सके।
उन्होंने कहा कि चार्जड मोबिलिटी की भविष्य का उपाय है। बैटरी से लेकर स्मार्ट चार्जिंग, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्मात जैसे पूरे वैल्यू चेन में निवेश में तेजी लाने की आवश्यकता है। भारतीय उद्यमियों और विनिर्माताओं को ऐसी बैटरी प्रौद्योगिकी लानी चाहिए जो श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। इसके लिए निजी क्षेत्र को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कंजेशन फ्री मोबिलिटी जाम के कारण पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को नियंत्रित कर सकता है। इसके मद्देनजर नेटवर्काें को बाधा मुक्त बनाना होगा। इससे कम ट्रैफिक जाम होगा और लोगों को भी यात्रा के दौरान तनाव कम होगा। उन्होंने कहा कि कॉन्वेनियेट मोबिलिटी का मतलब सुरक्षित, किफायती और समाज के सभी वर्गाें के पहुंच वाली परिवहन व्यवस्था होनी चाहिए। इसमें वृद्धों, महिलाओं और दिव्यांग भी शामिल हैं।
मोदी ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्ट हब के रूप में बड़ी तेजी से उभरने का उल्लेख करते हुये कहा,‘ आवर यूथ आॅर ऑन द मूव’। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से नयी ऊर्जा, तत्परता और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा है। देश में एक सौ स्मार्ट सिटी बनाये जाने का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि हमारे नगर और शहर ‘मूव’ पर हैं। त्वरित गति से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। सेवाओं में तेजी आयी है और भारत को कारोबार के लिए श्रेष्ठ स्थान बनाया गया है।
मोदी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने आपूर्ति नेटवर्क और वेयरहाउस नेटवर्क को तर्कसंगत बनाने में मदद किया है: ‘ऑवर गुडस ऑर ऑन द मूव’। उन्होंने लोगों को आवास, शौचालय, रसोई गैस सिलेंडर, बैंक खाता और ऋण मिलने का हवाला देते हुये कहा: ‘ऑवर लाइव्स आॅर ऑन द मूव।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में भाग लेने से पहले मोबिलिटी पर आधारित एक डिजिटल प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया जिसमें ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भविष्य की मोबिलिटी को प्रदर्शित किया है। सम्मेलन के बाद उन्होंने इलेक्टिक वाहनों की प्रदर्शनी को भी देखा। उद्घाटन सत्र को श्री मोदी को संबोधित करने से पहले देश विदेश की 11 प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों या उनके प्रतिनिधियों ने भविष्य की मोबिलिटी को लेकर अपने विचार रखे।