नई दिल्ली। भाजपा ने आज कहा कि वह अपने नौ करोड़ कार्यकर्ताओं को घर-घर भेजेगी और कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की करतूतोंं को उजागर करेगी कि किस प्रकार से उसने बड़े ऋणों में ‘फर्जीवाड़ा’ किया जिससे बैंकों में एनपीए बेतहाशा बढ़ गईं जबकि मोदी सरकार ने ना केवल समूची अर्थव्यवस्था बुनियाद मज़बूत की बल्कि रुपए की कीमत को कम करने के लिए लिए गए 34 अरब डॉलर के विदेशी ऋण को चुकता किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सच्चाई कुछ और है। जो ऋण खाते आठ साल पहले एनपीए हो चुके थे, उनको झूठ मूठ पुनरीक्षित करके और उन्हें दोबारा ऋण देकर ऐसे खातों को स्थिर एवं चालू दिखाया गया। उन्होंने कहा कि ऋण पाने वाली कंपनियों का सामर्थ्य उसे चुकाने का था ही नहीं और ना ही उनकी ऐसी नीयत थी।
गोयल ने कहा कि भाजपा के नौ करोड़ कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और घर-घर में मनमाेहन सरकार की करतूतों की पोल खोलेंगे और मोदी सरकार के सही कदमों की जानकारी देंगे।
गोयल ने कहा कि बैंकों को मुनाफा दिखाने के लिए मज़बूर किया गया। मोदी सरकार ने इन कंपनियों के खातों के सच को 2014-15 में भी खंगाल लिया था। संप्रग सरकार के समय कुछ कंपनियों को अनाश शनाप ढंग से बेतहाशा ऋण दिए गए और उससे बैंकों का आधार कमज़ोर होता गया।
लेकिन उस समय सचाई सामने लाने से भारत की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साख को बहुत नुकसान होता। इसलिए सरकार ने धीरे-धीरे कार्रवाई करके बैंकों को ऐसे खातों को एनपीए में लाने को बाध्य किया और पता लगाया कि 2006-08 से लेकर 2013-14 तक कुल ऋण 18 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 53 लाख करोड़ हो गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह पहली सरकार है जिसमें बड़े लोगों के फंसे ऋण पर सख्त रुख अपनाया है और उन्हें कर्ज़ चुकाने के लिए मज़बूर किया गया है। विशेषज्ञों ने मोदी सरकार के बैंकिंग प्रणाली साफ सुथरी बनाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्ज़ लेकर भागने वालों पर शिकंजा कड़ा कर दिया है।
गोयल ने कहा कि कर्ज़ नही चुकाने वालों पर दिवाला एवं धनशोधन कानून के तहत कार्रवाई हो रही है। भगोड़ा अार्थिक अपराधी कानून के कारण ऐसे अपराधी यहां वहां भाग रहे हैं। देश में बैंकिंग प्रणाली मज़बूत करने के लिए ये सफाई बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि 2013 में डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 68.86 रुपए हो गई थी जिसे कृत्रिम तरीके से कम करने के लिए एफसीएनआर में 32-34 अरब डॉलर का ऋण लिया गया था। मोदी सरकार ने उस ऋण को चुकता कर दिया है।
इसी के साथ ऑयल बांड के करीब 1.30 लाख करोड़ रुपए की देनदारी चुकता कर दी गई है। इसका भार मोदी सरकार पर पड़ा है। केन्द्रीय विक्रय कर में से करीब 47000 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गये हैं। इसके बावजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 400 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि 2013 की तुलना में रुपए का अवमूल्यन केवल तीन रुपए के आसपास है।
उन्होंने कहा कि 2014 के पहले महंगाई दर 10 से 12 प्रतिशत रही जो अब चार प्रतिशत के आसपास है। दाल, सब्जी, दूध आदि के दाम कम हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 450 वस्तुओं और 68 सेवाओं की दरें कम की गयीं हैं। आयकर में कई प्रकार की रियायतों से गरीबों, मध्यम वर्ग को काफी राहत मिली है। बैंकों के साथ तेल कंपनियों को मज़बूत बनाया गया है।
तेल की कीमतों के बारे में उन्होंने कहा कि करों के कारण राज्यों को सबसे ज़्यादा लाभ हो रहा है। राजस्थान सरकार ने वैट घटाया है। कुछ अन्य सरकार भी ऐसा कर सकतीं हैं।