Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
ISRO spy case : SC awards Rs 50 lakh compensation to scientist Nambi Narayanan-जासूसी मामला : इसरो वैज्ञानिक को 50 लाख के मुआवजे का आदेश - Sabguru News
होम Delhi जासूसी मामला : इसरो वैज्ञानिक को 50 लाख के मुआवजे का आदेश

जासूसी मामला : इसरो वैज्ञानिक को 50 लाख के मुआवजे का आदेश

0
जासूसी मामला : इसरो वैज्ञानिक को 50 लाख के मुआवजे का आदेश
ISRO spy case : SC awards Rs 50 lakh compensation to scientist Nambi Narayanan
ISRO spy case : SC awards Rs 50 lakh compensation to scientist Nambi Narayanan
ISRO spy case : SC awards Rs 50 lakh compensation to scientist Nambi Narayanan

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व वैज्ञानिक नम्बी नारायणन की गलत तरीके से गिरफ्तारी मामले में उन्हें 50 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डीके जैन की अध्यक्षता में एक जांच समिति का भी गठन किया है, जो दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के इरादे से घटना की जांच करेगी।

नारायणन इसरो के क्रायोजेनिक विभाग के प्रभारी थे। वर्ष 1994 में केरल पुलिस ने देश की रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां दुश्मन देशों से साझा करने के आरोप में सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार उन्हें गिरफ्तार किया था।

इस मामले को बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया था, जिसने आरोपों को आधारहीन करार देते हुए क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। नारायणन को 1998 में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।

इसरो वैज्ञानिक ने उसके बाद दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ झूठा मामला बनाने के लिए मुकदमा दायर किया था।

उन्होंने उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के लिए मुआवजा के वास्ते सबसे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का दरवाजा खटखटाया था, जिसने 10 लाख रुपए के अंतरिम मुआवजे का आदेश दिया था।

दूसरी तरफ केरल सरकार ने दोषी अधिकारियों तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सिबी मैथ्यू और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक केके जोशुआ एवं एस विजयन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई न करने का फैसला लिया, जिसे नारायणन ने केरल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की उनकी याचिका ठुकरा दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत का आज का फैसला उसी अपील पर आया है।