जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य को विशेष दर्जा दिलवाने का चुनावी वादा पूरा करना तो दूर मुख्यमंत्री जनता के विकास के लिए केन्द्र सरकार से पैसा लाने में भी विफल रही है और इसमें गौरव क्या है।
पायलट ने मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा के औचित्य पर सवालों की कड़ी में आज चौबीसवां प्रश्न पूछते हुए कहा कि सुराज संकल्प घोषणा पत्र में आमजन से किये गये विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने के वादे का क्या हुआ।
उन्होंने कहा कि केन्द्र में भाजपा सरकार आने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री जो स्वयं वित्त मंत्री भी हैं इसके लिए कोई गम्भीर प्रयास नहीं किये गये और न ही प्रधानमंत्री के सूरतगढ़, उदयपुर, बाड़मेर, झुन्झुनूं और जयपुर आगमन पर हुई सभाओं में उनके द्वारा राज्य के हित की कोई मांग रखी गई।
उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा यह जानती थी कि 15 लाख रोजगार देने के वादे की तरह विशेष राज्य के दर्जे का वादा भी जुमला है। उन्होंने कहा कि विशेष दर्जे की बात तो दूर भाजपा सरकार केन्द्र की अपनी ही पार्टी की सरकार से विभिन्न जनकल्याण की योजनाओं के लिए जनता के हक का पैसा भी नहीं ला पाई है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने वाला आर्थिक सहयोग 17 लाख ग्रामीण शौचालयों का 1224 करोड़, पीएम आवास योजना (ग्रामीण) का 1847 करोड़, शहर अमृत योजना का 500 करोड़, ग्रामीण पेयजल का 5952 करोड़, चार स्मार्ट सिटी का 2752 करोड़ अभी तक राज्य को नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने भाजपा को प्रदेश से 25 सांसद दिये थे, परन्तु इतना बड़ा जनादेश मिलने के बाद भी भाजपा के सांसद जनता के हक एवं उनके अधिकारों के प्रति संवेदनहीन रहे जिसके कारण जनता अपने आपको छला हुआ महसूस कर रही है। पायलट ने कहा कि राज्य की जनता को भाजपा सरकार द्वारा उसके हक के पैसे से वंचित रखे जाने पर क्या वह गौरव महसूस करती हैं।