अजमेर। अजमेर के प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं नाटककार उमेश कुमार चौरसिया को राजस्थान साहित्य अकादमी की ओर से नाटक विधा के लिए राज्य के प्रतिष्ठित ‘देवीलाल सामर पुरस्कार‘ से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें ये पुरस्कार लोकप्रिय नाट्यकृति ‘शौर्य प्रधान नाटक‘ के लिए मिलेगा।
अकादमी के विविध पुरस्कारों की घोषणा करते हुए अध्यक्ष डाॅ इन्दुशेखर तत्पुरूष ने बताया कि ये पुरस्कार आगामी 4 अक्टूबर को उदयपुर में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किए जाएंगे। चौरसिया की इस नाट्यकृति में मत चूके चौहान, वीरांगना पन्नाधाय, खूब लड़ी मर्दानी, आउवा तुझे प्रणाम और दाहरसेन का बलिदान ये पांच रोचक व प्रभावी नाटक शामिल हैं।
इनमें मुगल गौरी से संघर्ष करने वाले अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान, मातृभूमि की रक्षा हेतु पुत्र के बलिदान करने वाली वीरांगना पन्नाधाय, अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ने वाले 1857 क्रांति के अग्रदूत रानी लक्ष्मीबाई और ठाकुर खुशालसिंह तथा सिंध की रक्षा के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले दाहरसेन की शौर्य गाथाओं को दर्शाया गया है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कार्यरत उमेश कुमार चौरसिया ने अब तक लगभग 65 से अधिक हिन्दी व राजस्थानी नाटकों की रचना की है, इनमें अधिकांश नाटक देशभर में अनेक मंचों पर सफलतापूर्वक प्रदर्शित हुए हैं। इनकी 19 नाट्यकृतियां और 11 संपादित पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।
हाल ही में इनके बाल नाटक मेधावी नरेन्द्र को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा प्रकाशित किया गया है। चौरसिया 2012 में बाल साहित्य के लिए अकादमी के शंभूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार तथा भाऊराव देवरस न्यास द्वारा राष्ट्रीय युवा साहित्यकार सम्मान 2005 सहित अनेक राष्ट्रीय व् राज्यस्तरीय पुरस्कारों से भी सम्मानित हुए हैं।