नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने रेवाड़ी दुष्कर्म मामले की पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर मीडिया से गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की सुनवाई के दौरान कहा कि पीड़िता की पहचान उजागर करके नियमों की अनदेखी की गई है, इसका जिम्मेदार कौन है?
न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि लड़की की पढ़ाई से संबंधित बात बताई गई, इससे उसकी पहचान करना मुश्किल नहीं है। मीडिया को इससे रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? इस पर एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य सरकार और टीवी चैनलों को नोटिस जारी करके पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? हालांकि न्यायालय ने इस संबंध में फिलहाल कोई आदेश नही दिया।
इस बीच, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मंगलवार को सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट सौंपी। न्यायालय ने इस मामले में पटना उच्च न्यायालय के 29 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई की जांच के लिए नई टीम बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसा करने से जांच प्रभावित होगी और पीड़िता के हितों को भी नुकसान पहुंचेगा। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने अपने 29 अगस्त के आदेश में सीबीआई की मौजूदा टीम को भंग करके नई टीम के गठन को कहा था।