नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने भीमा कोरेगांव मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने सभी सम्बद्ध पक्षों की वृहद सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को इस मामले में सोमवार तक अपना लिखित पक्ष रखने को कहा है। इससे पहले सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मिश्रा ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले की केस डायरी सौंपने का निर्देश दिया।