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bharat vahini party chief ghanshyam tiwari PC at pinkcity press club in jaipur-ये न्याय की लड़ाई है, कानून की लड़ाई नहीं : घनश्याम तिवाड़ी - Sabguru News
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ये न्याय की लड़ाई है, कानून की लड़ाई नहीं : घनश्याम तिवाड़ी

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ये न्याय की लड़ाई है, कानून की लड़ाई नहीं : घनश्याम तिवाड़ी
bharat vahini party chief ghanshyam tiwari PC at pinkcity press club in jaipur
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जयपुर। भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने सोमवार को ‘वंचित वर्गों को आरक्षण, आरक्षण में वंचित वर्ग’ विषय पर पिंक सिटी प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होकर आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि ये न्याय की लड़ाई है, कानून की लड़ाई नहीं।

आरक्षण आंदोलन का इतिहास

घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मैं गत 16 वर्षों से वंचित वर्ग के लिए आरक्षण के आंदोलन की लड़ाई लड़ रहा हूं। सामाजिक समरसता के सिद्धांत के प्रति मेरी प्रतिबद्धता है। इसलिए आरक्षण के प्रति मेरी हमेशा से यह नीति रही है कि जिन्हें आरक्षण मिला हुआ है उनका आरक्षण जारी रहना चाहिए। एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण जारी रहे।

उन्होंने कहा कि इस भावना को सूत्र बनाकर ‘आरक्षण – सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ नामक पुस्तिका में लिपिबद्ध कर सितंबर 2003 में प्रकाशित करवाया। इसमें जो आरक्षण का फार्मूला दिया वह ‘आरक्षण का तिवाड़ी फार्मूला’ के नाम से बोला जाने लगा। तिवाड़ी ने कहा कि मैं स्वयं राजस्थान ब्राह्मण आरक्षण आंदोलन से जुड़ा रहा और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात कर राष्ट्रीय आयोग के गठन की घोषणा करवाई।

इस पूरे आंदोलन पर ‘आरक्षण – मेरी भूमिका’ नाम से एक पुस्तिका भी प्रकाशित हुई। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा में मैंने स्वयं ने न्याय और कानून मंत्री के रूप में गुर्जर समाज और उनके साथ रेबारी समाज तथा वंचित वर्ग के आरक्षण का विधेयक रखा था।

यह विधेयक 16 जुलाई 2008 को सर्वसम्मति से राजस्थान विधानसभा में पास हुआ। इसके बाद, इस कार्यकाल में प्राइवेट मेंबर के रूप में दो अलग-अलग विधेयक रखे, जिन्हें राज्य सरकार ने साजिशपूर्वक विधानसभा स्थगित करके पास नहीं किया जाने दिया गया।

वंचित वर्ग की परिभाषा

वाहिनी के प्रदेशाध्यक्ष तिवाड़ी ने वंचित वर्ग की परिभाषा बताते हुए कहा कि वंचित वग में दो वर्ग शामिल हैं। पहले वे जो अभी तक आरक्षण से वंचित जैसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, कायस्थ, आरक्षण से वंचित मुसलमान। दूसरे वे जिन्हें आरक्षण तो मिला हुआ है मगर अब तक उस आरक्षण के लाभ से वंचित हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि इस वंचित वर्ग को आर्थिक आधार पर प्राथमिकता मिले। ऐसा करने से सामाजिक न्याय में बढ़ोतरी होगी।

तिवाड़ी फॉर्मूला

SC – 16% + Open Cate. – 32% = 48%

ST – 12% + Open Cate. – 32% = 44%

OBC – 21% + Open Cate. – 32% = 53%

MBC – 5% + Open Cate. – 32% = 37%

EBC – 14% + Open Cate. – 32% = 46%

विधानसभा में आरक्षण को लेकर भाषण

घनश्याम तिवाड़ी ने बताया कि वे विधानसभा में आरक्षण के मुद्दों को लेकर लगभग 7 बार बोले हैं। वे 16 जुलाई 2008, 26 फरवरी 2013, 13 मार्च 2015, 6 अप्रेल 2015, 26 अक्टूबर 2017 और इस वर्ष 7 मार्च 2018 को बोले हैं। उन्होंने बताया कि 1 अप्रेल, 2015 को प्राइवेट मेंबर के रूप में वंचित वर्ग का आरक्षण भी विधानसभा में रखा, जिसे इस सरकार ने अभी भी अटका रखा है।

सरकार की स्थिति आरक्षण पर

तिवाड़ी ने कहा कि आरक्षण को लेकर इस सरकार की नीयत में खोट है। यह सरकार न केवल गुर्जर समाज को धोखा दे रही है, बल्कि राजस्थान का कोई भी समाज ऐसा नहीं है जिसको इस सरकार ने धोखा नहीं दिया हो। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज या वर्ग को किसी भी राजनीतिक दल के खुंटे से नहीं बंधना चाहिए, क्योंकि जो खूंटे से बंधा होता है वही भूखा मरता है। तिवाड़ी ने कहा कि भाजपा ने ही नहीं वंचित वर्गों के प्रतिनिधियों ने भी अपना मुंह बंद रखकर न केवल अपने समाज को धोखा दिया है बल्कि विश्वासघात किया है।

चुनावों से पहले घोषणाएं धोखा देने के लिए

तिवाड़ी ने कहा कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनावों में वंचित वर्गों ने एक बार फिर भाजपा को वोट दे दिया तो अपनी आने वाली भावी पीढ़ी को ही खराब करेगी। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में वंचित वर्ग भाजपा को अपने पापों का दंड देगी तो लोकसभा से पहले ही वंचित वर्ग को आरक्षण मिल जाएगा। तिवाड़ी ने कहा कि इस पूरे मामले में राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी दोषी है। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार आरक्षण को लेकर कोई भी घोषणा करेगी तो वो वंचित वर्ग को धोखा देकर वोट लेने के लिए ही करेगी।

वाहिनी का आरक्षण को लेकर मत

तिवाड़ी ने वंचित वर्ग के आरक्षण को लेकर कहा कि ये न्याय की लड़ाई है, कानून की लड़ाई नहीं। वाहिनी के लिएसामाजिक समरसता, आर्थिक न्याय और आरक्षण प्रमुख मुद्दें रहेंगे। अन्य समाजों को मिले आरक्षण के समर्थन के साथ ही वंचित वर्ग, ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, कायस्थ, अनारक्षित मुसलमान व इनके गरीबतम लोगों को भी सरकारी नौकरी तथा शिक्षा में आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए या तो संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।

आवश्यक हो तो इसके लिए संविधान संशोधन किया जाए। भारत में सबसे पहले दिया गया एससी वर्ग का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। वह आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन लाया गया और भारत का पहला संविधान संशोधन हुआ ही एससी वर्ग को आरक्षण दिए जाने को लेकर। श्री तिवाड़ी ने कहा कि भारत के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने वंचित वर्ग के आरक्षण का अपने-अपने घोषणा पत्रों में समर्थन किया हुआ है। सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस सभी ने इस बात का समर्थन किया है।

वाहिनी सरकार बनते ही आरक्षण लागू करवाएगी

वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वाहिनी अगर जीतकर सरकार में आती है तो वंचित वर्ग को लोकसभा चुनावों से पहले ही आरक्षण दिलवाएगी। उन्होंने कहा कि भारत वाहिनी पार्टी चुनाव में जीतकर सरकार बनाती है तो वंचित वर्ग को आरक्षण प्रदान किए जाने को लेकर गंभीर हो और केंद्र को अनुशंषा भेजकर विधानसभा में पारित विधेयकों को नवीं अनुसूची में शमिल किया जाए और आवश्यक हो तो संविधान संशोधन लाकर आरक्षण प्रदान किया जाए।

प्रदेश में सरकार है ही नहीं

तिवाडी ने कहा कि राजस्थान में वर्तमान परिस्थितियों में स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार कहीं भी नहीं है। आज पूरे प्रदेश में अराजकता का वातावरण बना हुआ है। विभिन्न कर्मचारी संघ आंदोलनरत हैं, कामकाज ठप पडें हैं, जो सरकार दिसंबर में जाने वाली थी वो 3 माह पहले ही चली गई। तिवाडी ने कहा कि भारत वाहिनी पार्टी सरकार बनाते ही इन सभी समस्याओं से जनता को निजात दिलाएगी।