सबगुरु न्यूज-सिरोही। पूरे प्रशासन और तीन विधायकों समेत पूरी भाजपा सरूपगंज कस्बे के मैदान में 30 अगस्त को उतने लोग मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नाम और नहीं जुटा पाये जितने लोग सोमवार को उसी कस्बे और उसी मैदान में कथित रूप से अपनी आभा खो चुकी कोंग्रेसी के सिपाहियों ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के लिए आदिवासी सम्मेलन में जुटा ली।
मुख्यमंत्री की राजस्थान गौरव यात्रा की सभा से सवा दो गुना लोग यहां पर स्पष्ट नजर आ रहे थे। वैसे इस दौरान पूर्व जिला प्रमुख केसरमल गमेती और सेवादल के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल गरासिया ने इस कार्यक्रम को आदिवासी क्षेत्र में आयोजित नहीं करवाने को लेकर सचिन पायलट के सामने ही हंगामा किया। इस दौरान गुटबाजी भी दिखी और सबके बीच पायलट ने निचश्चेत पड़े गुट के नेता पर नाराजगी भी दिख दी।
अमित शाह के राजस्थान में भाजपा को अंगद के पांव की तरह अडिग बताने पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि पायलट ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यह कहते है कि राजस्थान मे भाजपा का राज अंगद के पैर की तरह हैै जो उनके घमंड को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि उन्हे यह पता होना चाहिए कि राजस्थान रावण के पाप की नगरी लंका नही है। यहां की जनता सेवा एवं पुण्य करने वाली है, जो चुनावांे मंे पाप की मानसिकता वाले भाजपा के नेताओ के राज को उखाड फेंकेगी।
इस दौरान सचिन पायलट ने कहा कि राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने 5 साल में प्रदेश को गर्त में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि रोजगार के बारे में उन्होंने झूठ बोला। सचिन ने दावा किया कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सभी युवाओं को रोजगार नही दिया जा सकेगा तो कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाए जाएगा जिससे वे उनका व्यवसाय डालकर आत्म निर्भर बन सकें।
उन्होंने सिरोही में भी दोहराया कि कांग्रेस की सिकाई बनने पर युवाओं को 3500 रुपये बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। सचिन पायलट ने भाजपा सरकार में फैले भ्रष्टाचार और बेड गवर्नेन्स की भी बात की लेकिन पूर्व के भाषणों की तरह वह इस बात का कोई एक्शन प्लान नहीं बता सके कि किस तरह से कांग्रेस लोगों के जीवन को सरल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाएगी।
एआईसीसी के महासचिव मोहन प्रकाश ने कहा कि राजस्थान का फैसला पूरे देश को प्रभावित करेगा। उन्होंने पूछा कि 4 सालों में जनता की कितनी तरक्की हुई, कितनी आमदनी बढ़ी, कितना राशन मिला। उन्होंने मोदी सरकार के नोटबन्दी के निर्णय की भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह या वसुंधरा राजे आएं और पूछें कि अबकि बार तो उन्हें कहना कि दूर से नमस्कार।
मिला क्या है नोटबन्दी, हमारा पैसा हम मोहताज। पैसा बैंक में तो नीरव मोदी ले जाएगा, घर मे मोदी के अफसर ले जाएंगे। अबकि बार दूर से नमस्कार। आदिवासी अधिनियम लागू किया, भोजन का धिका, शिक्षा, सूचना का अधिकार, रोजगार का अधिकार दिया। विधानसभा के उपनेता रमेश मीना ने कहा कि वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा गोरखधंधे की यात्रा है। इसमे व्व जनता के पैसे की धूल उड़ा रही थी।
उन्होंने आदिवासी कल्याण की योजनाओं के लिए किए गए वायदों को नहीं निभाने के लिए मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया। आदिवासी कोंग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मालवीय ने कहा कि सिरोही में लिलोरी वडली में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए स्मारक के किये गहलोत सरकार ने 53 करोड़ रुपये स्वीकृत किये थे। आदिवासी क्षेत्र में छात्रावास की भी स्वीकृति दी थी। भाजपा ने ये सब काम रोक दिए। विवेक बंसल, रघुवीर मीना, ताराचंद भगौरा ने भी भाजपा और राजास्थान सरकार को कोसा।
वहीं पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने राजे सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हाल ही में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा हुई इसमे सिरोही जिले का बच्चों का चयन नहीं हुआ। उन्होंने मंच से सचिन पायलट से अनुरोध किया कि कांग्रेस की सरकार बनने और स्थानीय युवकों के लिए अतिरिक्त अंकों का प्रावधान किया जाए, जिससे सिरोही जैसे पिछड़े जिले के युवाओं का हक नहीं मारा जाए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की सरकार आने पर गर्म पंचायतों की अनुमति के बिना कहीं भी शराब की दुकानें नहीं खोले जाने का प्रावधान लाया जाएगा। सम्मेलन के अध्यक्षता अनूसुचित जन जाति विभाग के प्रदेशाध्यक्ष शंकरलाल मीणा ने की।
-कुछ यूं समझें भीड़ का गणित
चुनावी और चुनाव पूर्व सभाओं में दिखने वाले सिरो के अंदर जो दिमाग है उसमें किस पार्टी को वोट देने की जुगत चल रही है ये कोई नहीं जान सकता, लेकिन भीड़ की संख्या क्या है ये बताई जा सकती है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजास्थान गौरव यात्रा के दौरान सरूपगंज आने पर जो डोम लगाया गया था उसमें 4000 लोगो से ज्यादा लोग नहीं बैठ सकते थे। वहां कुर्सी लगी थी और ऐसे में एक आदमी को बैठने के लिए 5 फीट की जगह चाहिए होती है।
सोमवार को सरूपगंज में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में 330 गुना 75 वर्गफीट का टेंट लगा था। इसमे जमीन पर लोग बैठे थे। जमीन पर बैठने के।लिए एक आदमी को 3 फीट जगह की आवश्यकता होती है, ऐसे में यहां कज टेंट में 8000 लोग बैठ सकते थे। सरूपगंज में कांग्रेस के आदिवासी सम्मेलन में टेंट आगे सपीछे तक भरा हुआ था। चारों तरफ लोग खड़े हुए भी थे। ऐसे में गणितीय आंकड़ा भी इस पंडाल में 8 हजार लोगों की उपस्थिति की गवाही दे रहा है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जब सरूपगंज पहुंची थी तो 25 प्रतिशत कुर्सियां खाली थी। ऐसे में वहां तीन से साढ़े तीन हजार लोगों से ज्यादा लोग नहीं थे। वहीं सचिन पायलट की सभा में गणितीय आंकड़े के हिसाब से आंकलन करें तो यहाँ पर काम से कम 9 हजार लोग तो थे ही। यदि तेन की बैठक क्षमता से 25 प्रतिशत संख्या कम भी कर लें तब भी सचिन पायलट की सभा में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभी से दोगुने लोग मौजूद थे।
ऐसे में साफ है कि एक ही कस्बे में एक ही मैदान में मुख्यमंत्री राजे के नेता प्रशासनिक सहयोग के बावजूद कांग्रेस के नेताओं की आधी परफॉर्मेंस भी नहीं दे पाए। वैसे झुंझुनूं के हालात ये बताने को काफी है कि चुनाव निकट आते-आते राजे की लोकप्रियता निरन्तर ढलान पर पहुंच रही है। चुनाव आने तक वे इसमे कितनी बढ़ोतरी कर पाती हैं ये वक्त बताएगा।
-पायलट के सामने हुआ हंगामा
आदिवासी सम्मेलन में पहुंचे राजस्थान प्रदेश कंाग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के सामने ही दो स्थानीय आदिवासी नेताओं ने हंगामा कर दिया। पूर्व जिला प्रमुख केसरमल गमेती और सेवादल के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल गरासिया ने पायलट के सामने ही मंच पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। वह मंच पर बैठे लोगों को नीचे आने को भी कहने लगे। पुलिस वालों व कार्यकर्ताओं ने उन्हें हटाया।
दरअसल, ये लोग स्थानीय आदिवासी नेताओं को मंच पर स्थान नहीं मिलने का आरोप लगा रहे थे। बाद में इनका आरोप था कि सम्मेलन को आदिवासी इलाके में किया जाना चाहिए थे, जबकि इसे शहरी इलाके में किया गया। जिसमें भाखर क्षेत्र के कई आदिवासी नहीं पहुंचे। इधर, कांग्रेस के एक नेता के डी में आकर पायलट को माला पहनाने का इशारा भी किया, इस पर पायलट ने गुस्सा दिखाते हुए उन्हें मंच पर आने को कहा, लेकिन मंच पर पहुंचते ही विवेक बंसल को यह माला पहनाने का इशारा कर दिया।
एक तरह से पायलट ने लोगों की भीड़ में यह संदेश देने की कोशिश की कि बिना काम किए सिर्फ हंगामा खडा करके काम करने वाले नेताओं की टांग खिंचाई करने वाले नेताओं की पार्टी में कोई तवज्जो नहीं है। कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश आदिवासी कांग्रेस और जिला कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम की पूरी बागडोर सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के हाथों में थी, ऐसे लोढ़ा विरोध सभी नेता एक तरह से इस कार्यक्रम को लेकर असहयोग पर उतरे हुए थे। कई नेता तो कार्यक्रम स्थल के कुछ किलोमीटर दूर होने के बावजूद वहां नहीं पहुंचे।
-ये लोग थे उसपस्थित
सम्मेलन मे अखिल भारतीय क्रांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेष प्रभारी विवेक बंसल,क्रांग्रेस राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य रघुवीर मीणा,विधानसभा मे कांग्रेस के उपनेता रमेश मीणा, अनुसूचित जन जाति विभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ताराचंद भगोरा, पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री मोहन प्रकाश, विधायक महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, अखिल भारतीय क्रांग्रेस कमेटी के सदस्य पूर्व विधायक संयम लोढा,गंगाबेन ग्रासिया जिला क्रांग्रेस अध्यक्ष जीवाराम आर्य तथा लकमाराम कोली पूर्व सासंद पारसाराम मेघवाल बतौर अतिथि उपस्थित थे।
सम्मेलन मे पूर्व विधायक गंगाबेन ग्रासिया, लालाराम ग्रासिया, अनुसूचित जन जाति षेल के जिला अध्यक्ष नीबाराम ग्रासिया पूर्व सासंद प्रत्याषी संध्या चैधरी, अन्दाराम ग्रासिया, संत राजूगिरी माराज, ललिता ग्रासिया, अनूसूचित जनजाति विभाग के प्रदेष सचिव रतन मीणा, किर्ति भील, बन्नाराम भील,कमल मीणा,दिनेष्वर पुरोहित, यू.आई.टी आबू के पूर्व अध्यक्ष हरीष चैधरी, पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल, मोतीराम कोली, ब्लाॅक क्रांग्रेस अध्यक्ष प्रेमाराम देवासी, किषोर पुरोहित, नारायणसिंह भाटी, रसीद खांन गोरान, हरीष राठौड, लीलाराम ग्रासिया, राकेष रावल,देवाराम ग्रासिया,प्रदेष सचिव इन्दरसिंह देवडा, मजदूर यूनियन इंटक जिला अध्यक्ष इन्दरसिंह देवडा, जिला प्रवक्ता हमीद कुरैषी, एवं प्रदेष अध्यक्ष षंकरलाल मीणा ने भी सम्बोधित किया। जिला क्रांग्रेस अध्यक्ष जीवाराम आर्य ने सम्मेलन का संचालन किया।
इस अवसर पर सेवादल क्रांग्रेस के जिला मुख्य संगठक भूराराम कोली महिला क्रांग्रेस जिला अध्यक्ष हेमलता षर्मा, षाजिद उर्फ राजू भाई उप सरपंच संजय परमार,राजेष अग्रवाल, महेषदान चारण, गिरीष जानी,महेन्द्र रावल धनारी, पिंकि मेघवाल,कपूराराम मीणा,रेषम ग्रासिया,अष्विन गर्ग, नरगिषकायम खांनी, अजरुद्ीन मेमण,सुरेष राव,एस.टी ब्लाॅक अध्यक्ष दरजाराम भील,देवाराम,दौलाराम ग्रासिया,प्रकाष मीणा,निकेष रावल,कमलेष प्रजापत,बाबुलाल पुरोहित,नारायणलाल गर्ग,हंसाराज सिंदल,तुषार घांची,विकाष,जेठाराम मेघवाल,सिराज मेमण,आजाद मेघवाल,सहित कही व्यक्ति उपस्थित थे।