नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर मीडिया में हुए नये खुलासे के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुरुवार को तीखा हमला किया और कहा कि जिस अधिकारी ने इस सौदे में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए थे उसे सजा मिली और पिट्ठू बने अधिकारी को शाबाशी दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष ने तुकबंदी करते हुए राफेल से जुड़े पूरे प्रकरण पर सवाल उठाए और मोदी तथा अम्बानी का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि धन्नासेठों के लिए प्रधानमंत्री ने पूरे सौदे को बदला और जिस अधिकारी ने गलत फैसले को रोकने का प्रयास किया उसे सजा दी गयी।
गांधी ने ट्वीट किया मोदी-अंबानी का देखो खेल/ एचएएल से छीन लिया राफेल/ धन्नासेठों की कैसी भक्ति/ घटा दिया सेना की शक्ति/ जिस अफसर ने चोरी से रोका / ठगों के सरदार ने उसको ठोका / पिट्ठुओं को मिली शाबाशी/ सेठों ने उड़ती चिड़िया फांसी/ जन-जन में फैल रही है सनसनी/ मिलकर रोकेंगे लुटेरों की कंपनी।
इसके साथ ही गांधी ने इस सौदे में नए खुलासे के साथ छपी एक अखबार की वह खबर भी पोस्ट की है जिसमें कहा गया है कि इस अधिकारी ने जब राफेल सौदे पर रक्षा मंत्रालय में तैनात संयुक्त सचिव ने सवाल उठाए तो उसके तर्क को खारिज कर नए अधिकारी को उसका काम सौंपा गया और अब उसे पदोन्नति मिली है।
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में राफेल सौदे पर सवाल उठाने वाले रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के नाम का खुलासा किया और कहा कि सरकार के फैसले पर अंगुली उठाने वाले संयुक्त सचिव राजीव वर्मा के कारण इस संबंध में बनने वाले कैबिनेट नोट भी तैयार करने में देरी भी हुई थी। केंद्र सरकार के इस वरिष्ठ अधिकारी ने जब सौदे को लेकर अापत्ति जताई तो उनकी बात को अनदेखा किया गया और उनसे कनिष्ठ अधिकारी स्मिता नागराज को यह जिम्मा सौंपा गया और उसने सरकार की मंशा के अनुरूप काम किया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का कमाल देखिए कि जिस अधिकारी ने सौदे पर सवाल उठाए और अनुचित काम में अपनी आपत्ति दर्ज की उसकी बात को नजरअंदाज किया गया और उसे लम्बी छुट्टी पर भेज दिया गया लेकिन जिसने सरकार का पिट्ठू बन कर काम किया उसे पदोन्नति दी गई है।
रेड्डी ने कहा कि इस बीच राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्राें का भी बयान आया है। इसी संबंध में पहले पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद का बयान भी आया था जिसमें उन्होंने कहा कि अनिल अम्बानी की कंपनी का प्रस्ताव भारत सरकार ने किया था।
उन्होंने कहा कि इस सौदे को लेकर फ्रांस के वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपति के बयानों में कहीं कोई विरोधाभास नहीं है। इससे साफ है कि सौदे में बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी असलियत को छिपाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी को ही तथ्य सबके सामने रखने चाहिए।