जयपुर। सक्षम द्वारा केशव विद्यापीठ, जामडोली, जयपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारम्भ डॉ. मिलन्द कसबेकर, संरक्षक, सक्षम एवं डॉ. दयाल सिंह पंवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सक्षम के करकमलों द्वारा सक्षम के ध्वज का ध्वजारोहण कर किया गया।
ध्वजारोहण के बाद दो दिवसीय अधिवेशन का उद्घाटन सत्र सुबह 10 बजे प्रारम्भ हुआ। सत्र में केन्द्रीय राज्यमंत्री किशनपाल गुर्जर, सुहास राव हिरेमठ आरएसएस अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, डॉ. मिलन्द कसबेकर संरक्षक सक्षम, डॉ. दयाल सिंह पंवार राष्ट्रीय अध्यक्ष सक्षम, गणेश राणा अध्यक्ष आयोजन समिति की मंच पर गरिमामयी उपस्थिति रही।
मंचस्थ महानुभावों के परिचय एवं अभिनन्दन के बाद डॉ. दयाल सिंह पंवार की अध्यक्षता में सक्षम के नवीन 14 राष्ट्रीय पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की गई।
मंचस्थ महानुभावों ने रक्त संबंधी एवं मानसिक बीमारी प्रकोष्ठ द्वारा तैयार किए गए दिव्यांग सेवा केन्द्र किट तथा मीरा शेनॉय एवं प्रसाद काईपा द्वारा लिखित पुस्तक यू केन बी स्मार्टर एण्ड वाइज का विमोचन किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री किशनपाल गुर्जर द्वारा अपने वक्तव्य में दिव्यांगों के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न 21 प्रकार की योजनाओं में कुछ मुख्य योजनाओं की जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि वर्तमान केन्द्र सरकार दिव्यांगों के स्वावलम्बन एवं सशक्तीकरण के क्षेत्र में विशेष प्रयास कर रही है। इसे अन्तर्गत सरकारी नौकरियों में इस क्षेत्र का बैकलॉग बढ़ाकर 3 से 5 प्रतिशत किया गया है। साथ ही सम्पूर्ण रिक्त पद भी भर लिए गए हैं।
इस 10वें अधिवेशन के मुख्य अतिथि सुहास राव हिरेमठ ने कहा कि सक्षम दिव्यांगों को स्वालम्बलन एवं स्वाभिमानी बनाकर समाज की मुख्य धारा में लाने का कार्य पिछले 10 वर्षों करता आ रहा है। यह मानव सेवा का एक श्रेष्ठ कार्य है। दिव्यागों को हमारी दया की नहीं बल्कि सेवा की आवश्यकता है।
उन्होंने दिव्यांगों के विभिन्न उदाहरण देकर उनके द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि देशभर में वर्तमान 300 जिला सेवा केन्द्रों पर सेवा कार्य चल रहे है। देश के समस्त जिलों में ऐसे केन्द्रों की स्थापना का कार्य को गति प्रदान किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत पांच प्रकेष्ठों की भांति प्रत्येक जिला केन्द्र पर भी इन पांच प्रकेष्ठों की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया। संगठन चलाने के लिए तीन सूत्रों परिश्रम, सम्पर्क और व्यवहार कुशलता की उपादेयता के विषय में बताया। अन्त में समक्ष के प्रांत अध्यक्षों/सचिव/संयुक्त सचिव द्वारा प्रांतवार सक्षम एवं काम्बा रिपोर्ट का वृत्त अधिवेशन में रखा गया।