अजमेर। अजमेेर शहर में व्याप्त पेयजल जल संकट तथा 14 दिन से राजस्थान रोडवेज की हडताल के कारण आमजन को हो रही परेशानी को लेकर रविवार को संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति के बैनर तले शहर की संस्थाओं, कम्रचारी यूनियनों की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में बताया गया कि अजमेर जिले के लिए बनी बीसलपुर परियोजना से पर्याप्त पेयजल सप्लाई में कटौती कर दूसरे जिलों को दिया जा रहा है। इसके कारण अजमेर जिले को 72 और 96 घंटे के अंतराल से पानी मिल रहा है, जबकि जयपुर को प्रतिदिन सप्लाई दी जा रही है। पर्याप्त पेयजल सप्लाई नहीं मिलने से अजमेर की जनता त्रस्त हो चुकी है।
दूसरी ओर बीते 14 दिन से रोडवेज की हडताल के कारण बस संचालन ठप होने से यात्रियों विशेषकर महिला, ग्रामीण, गरीब, पासधारक छात्र, विकलांग, सीनियर सिटीजन परेशान हो रहे हैं।
बीती 27 जुलाई को रोडवेज कर्मचारियों के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल से सरकार के परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में समझौता किया था। समझौते के तहत नई बसों की खरीद, रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने, सेवानिवृत कर्मचारियों के बकाया परिलाभ का भुगतान करने, 7वें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन बढोतरी आदि के लिए समिति गठित किया जाना तय हुआ था। इस कमेटी को 31 अगस्त 2018 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।
सरकार ने इस समझौते की पालना नहीं की। आखिरकार कर्मचारी चक्का जाम पर उतर गए। रोडवेज कर्मचारियों का संघर्ष रोडवेज के अस्तित्व को बचाने के लिए है जो कि जनहित में है।
संयुक्त श्रमिक संघर्ष समिति अजमेर के अध्यक्ष मोहन चेलानी ने बताया कि अजमेर शहर वासियों को बीसलपुर के पानी की नियमित एवं पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित हो और राजस्थान रोडवेज की सुविधाओं का लाभ आमजन को मिलता रहे साथ ही कर्मचारियों को न्याय मिले इसके लिए अजमेर की जनता चुप नहीं बैठेगी।
जिले के रेलवे, बीमा, बैंक, पोस्टल, बीएसएनएल, मेडिकल रिप्रेजेन्टटेटिव, विद्याुत वितरण, लघु उद्योग, भवन निमा्रण, राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ से जुडे सभी ट्रेड यूनियन, सामाजिक संस्थाएं व संगठन पीयूसीएल, यूनाइटेड अजमेर, पंचशील हरिभाउ उपाध्याय नगर, बीके कॉल, आदर्श नगर, अजयनगर क्षेत्र की आवासीय समितियों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से आंदोलन करने और 5 अक्टूबर को कलेक्टर के माध्यम से राजस्थान सरकार को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया।