जयपुर । राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सहकारी बैंकों से संबंधित 15वें वेतन समझौते को शीघ्र लागू करने की माँग की है।
पायलट ने आज यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद वर्ष 20।4 से राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक एवं 29 केन्द्रीय सहकारी बैकों के कार्मिको का 15वां वेतन समझौता लम्बित है। राज्य सरकार कभी कमेटी गठित करने तो कभी वेतन समझौते का प्रावधान नहीं होने का बहाना बनाकर इस समझौते को लागू नहीं कर रही है और कार्मिकों के प्रति उदासीन एवं असंवेदनशील बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सहकारी बैंकों के हजारों कार्मिक मानसिक रूप से शोषित एवं प्रताड़ित होने के साथ ही वर्तमान भाजपा सरकार की नीति के कारण अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष सहकारी बैंक एवं 29 केन्द्रीय सहकारी बैकों के कार्मिको का वेतन एवं भत्ते प्रत्येक पांच वर्ष में रजिस्ट्रार सहकारी समितियां राजस्थान की अनुमति से बैंक प्रबन्धन एवं कार्मिकों के मध्य निष्पादित समझौते से परिवर्तित होते है। उन्होंने कहा कि गत समझौता चौदहवां समझौता जनवरी 2009 से दिसम्बर 2013 तक 5 वर्ष के लिए था, जो कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित एवं मांगो को केन्द्र में रखते हुए स्वीकृति प्रदान कर लागू कर दिया गया था।
लेकिन प्रदेश में दिसम्बर 2013 में भाजपा सरकार के आने के पश्चात दिनांक ।.।.20।4 से लम्बित ।5 वां वेतन समझौता, जो सम्भावित रूप से 3।.।2.20।8 तक 60 माह हेतु लागू होना चाहिए था, की अवधि के 57 माह बीत जाने के पश्चात भी समझौते का ड्राफ्ट तक वित्त विभाग से अनुमोदन के लिए सरकार ने नहीं भिजवाया है और अब प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनावो के लिए आचार संहिता लगने वाली है इसलिए सरकार को अविलम्ब सहकारी बैंकों में कार्यरत कार्मिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उक्त समझौते को लागू करना चाहिए।