राजकोट । भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर अपनी अनुभवी और नये चेहरों से सजी 12 सदस्यीय टेस्ट टीम घोषित कर दी और उसकी कोशिश अब गुरूवार से शुरू होने वाले मैच में पूरी ताकत के साथ इंग्लैंड में मिली निराशा को पीछे छोड़ नयी शुरूआत करना होगा।
भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड में पांच टेस्टों की सीरीज़ में 0-4 से हार झेलनी पड़ी थी। बड़े प्रारूप में अब उसके सामने घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज़ की चुनौती रहेगी और दो मैचों की सीरीज़ में अच्छे प्रदर्शन से भारतीय टीम इंग्लैंड की निराशा को पीछे छोड़ अपना खोया आत्मविश्वास हासिल करने का प्रयास करेगी जो अगले महीने होने वाले आस्ट्रेलिया दौरे के लिये अहम साबित होगा।
रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने गत माह एशिया कप वनडे टूर्नामेंट में खिताबी जीत हासिल की थी और यह भी खिलाड़ियों के लिये मनोबल बढ़ाने वाला है वहीं स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली कप्तानी की भूमिका में फिर से वापसी कर रहे हैं जो टीम में हमेशा ही नयी उर्जा लेकर आते हैं।
वहीं काफी समय बाद यह देखा गया कि चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर ही अपनी 12 सदस्यीय टीम घोषित कर दी। अब संयोजन को लेकर किसी तरह की अटकलबाज़ी की कोई गुंजाइश नहीं है और साफ है कि 18 साल के युवा बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ टीम में पदार्पण करने जा रहे हैं।
घरेलू क्रिकेट में अच्छी फार्म की बदौलत भारतीय टेस्ट टीम में जगह पाने वाले पृथ्वी के लिये बल्लेबाज़ी क्रम में खुद को साबित करने का मौका रहेगा जिसमें शिखर धवन जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ को टीम से बाहर रखा गया है। बल्लेबाज़ी क्रम में विराट, लोकेश राहुल, पृथ्वी,चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्या रहाणे के रूप में पांच विशेषज्ञ बल्लेबाज़ मौजूद हैं जबकि रिषभ पंत विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं।
हालांकि गेंदबाज़ी संयोजन काफी दिलचस्प है जिसमें छह गेंदबाज़ों तीन स्पिनर और तीन तेज़ गेंदबाज़ों को शामिल किया गया है। अनुभवी ऑफ स्पिनर रविवंद्रन अश्विन और लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा के अलावा चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप स्पिन विभाग में अहम हैं तो उमेश यादव, मोहम्मद शमी और शार्दुल ठाकुर के रूप में आक्रामक गेंदबाज़ हैं।
12 सदस्यीय टीम में हालांकि टीम प्रबंधन का यह फैसला करना अहम होगा कि वह तीन स्पिनर उतारता है या तीन तेज़ गेंदबाज़। भारत यदि दो स्पिनरों को उतारता है तो संभवत: कुलदीप को बाहर बैठाया जा सकता है, इस स्थिति में शार्दुल को भी टेस्ट पदार्पण का मौका मिल सकता है।
दुनिया की नंबर एक टीम को आठवीं रैंक वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पहले ही जीत का दावेदार माना जा रहा है जिसका घरेलू मैदान पर प्रदर्शन हमेशा प्रभावशाली रहा है। लेकिन इंग्लैंड और उससे पहले दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट प्रारूप में निराशाजनक परिणामों के बाद भारतीय टीम के लिये किसी भी टीम को हल्के में लेना महंगा साबित हो सकता है।