अजमेर। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी की अजमेर यात्रा की तैयारियों में उलझे प्रशासन और दूसरी तरफ कलेक्ट्रेट के बाहर विभिन्न मांगों को लेकर एक ही समय पर जुटे विभिन्न संगठनों के हुजूम ने शुक्रवार को पुलिस प्रशासन को बौना साबित कर दिया। करीब एक घंटे तक कलेक्ट्रेट चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा मचाया। सडक के बीच टायर जलाकर भीड ने कई बार रास्ता जाम किया पर पुलिस मूक दर्शक बनी देखती रही।
हुआ यूं था कि शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति, रोडवेज के आंदोलकारी, शहर में बीसलपुर पानी की पर्याप्त सप्लाई, गुर्जर आरक्षण की मांग करने वाले, रेलवे, कांग्रेस तथा विभिन्न संगठनों के बैनर तले सैकडों लोग कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर जमा हो गए।
इसके अलावा कलेक्ट्रेट के बाहर बीते कई दिनों से धरना दे रहीं नर्सिंग कर्मियों की मौजूदगी के बीच यह पहचान करना कठिन हो गया कि कौन किस संगठन के साथ आया है। इसी बीच सरकारी नौकरियों मे पांच फीसदी आरक्षण मांग को लेकर गुर्जर समाज की आक्रोश रैली भी पहुंच गई।
रैली निकाल रहे आक्रोशित गुर्जर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर मांग के समर्थन में नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे थे और जिला कलेक्टर आरती डोगरा को ज्ञापन देना चाहते थे तथा अजमेर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कराने की मांग कर रहे थे।
पुलिस की व्यवस्था के तहत कलेक्ट्रेट के दरवाजे को बंद कर किसी को भी अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया जिससे आंदोलनरत गुर्जर एकाएक आक्रोशित हो गए और उन्होंने सरकारी वाहनों को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया।
इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया जिससे एक बार तो कलेक्ट्रेट के बाहर अफरा तफरी का माहौल बन गया और चारों तरफ के रास्ते जाम हो गए।
बाद में समझाइश के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर बाहर आई सहायक कलेक्टर को ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए समय दिलाए जाने की मांग की।
प्रदर्शनकारी गुर्जर नेताओं का कहना है कि यदि उनकी मांगों के समर्थन में प्रशासन ने प्रधानमंत्री से समय नहीं दिलाया तो उनका आंदोलन जारी रहेगा और वे आरक्षण लेकर रहेंगे। नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन देखते ही उग्र रूप धारण करने लगा। भीड में से कुछ युवाओं ने सडक के बीचोंबीच दो टायर जला दिए तथा जाम लगा दिया।
इस दौरान सडक से गुजरने वाले हर वाहन को जबरन रोका जाने लगा। हर तो तब हो गई जब सवारी भरे एक टैम्पों को उलटने का प्रयास किया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की मौजूदगी के बावजूद एसडीएम और यूपी पुलिस के वाहन को भी आगे नहीं बढने दिया तथा घेर कर पीछे हटने को मजबूर कर दिया।
इस नजारों को देख सडक पर फंसे वाहन चालक भयभीत हो गए। जैसे तैसे जगह कर वापस पीछे जाते गए और राहत की सांस ली। करीब एक घंटे तक धरने प्रदर्शन और आंदोलनकारियों के उग्र रूप से दहशत का सा माहौल बना रहा।