अजमेर। अजमेर कलेक्ट्रेट कार्यालय पर हमेशा की तरह फहरने वाला तिरंगा झंडा रविवार को नदारद था। बिना झंडा लगा पोल देख लोग भी इस सोच में पड गए कि आखिर क्या अनहोनी हो गई जो राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया।
भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार सरकारी भवन खासकर जिला मुख्यालय के भवन पर अवकाश के दिनों में भी राष्ट्रीय ध्वज फहराने की व्यवस्था दी हुई है। सूर्य उदय पर ध्वज चढाने तथा सूर्यास्त के समय ध्वज उतारने का नियम है। किसी प्रकार के शोक दिवसों में भी ध्वज फहराया जाना होता है, लेकिन उसे आधा झुका दिया जाता है।
रविवार को अजमेर कलेक्ट्रेट पर पोल दिन भर सूना पडा रहा। जबकि समीप स्थित राजस्व मंडल, कर विभाग, रेलवे भर्ती बोर्ड, नगर निगम आदि के भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा था।
मीडिया की ओर से यह बात प्रशासन के ध्यान में लाई गई तो जिला प्रशासन ने आनन फानन तिरंगा फहरवाया। तब तक शाम के करीब 4 बज चुके थे। इस मामले में एक वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र याग्निक ने राष्ट्रीय ध्वज के अपमान बाबत शिकायत सिविल लाइन थाना पुलिस को दी है।
उन्होंने शिकायत में कहा है कि निर्धारित समय पर 7 अक्टूबर को जिला कलक्ट्रेट कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया। जबकि अन्य सरकारी कार्यालयों पर ध्वज फहराया हुआ था। यह घटना राष्ट्रीय ध्वज के अपमान करने वाली है, इससे मेरी राष्ट्रीय भावना आहत हुई है। साढे चार बजे तक किसी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया। इसलिए जो भी जिम्मेदार हो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।