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Indian Air Force celebrates its 86th anniversary-स्थापना दिवस पर वायु सेना ने किया मारक क्षमता का प्रदर्शन - Sabguru News
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स्थापना दिवस पर वायु सेना ने किया मारक क्षमता का प्रदर्शन

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स्थापना दिवस पर वायु सेना ने किया मारक क्षमता का प्रदर्शन
Indian Air Force celebrates its 86th anniversary
Indian Air Force celebrates its 86th anniversary
Indian Air Force celebrates its 86th anniversary

हिंडन। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना, भारतीय वायु सेना ने सोमवार को 86वें स्थापना दिवस पर अपनी मारक क्षमता और हवाई कौशल का प्रदर्शन किया।

वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी और इसके बाद से नए आयाम हासिल करते हुए आठ दशक से अधिक के सफर में उसने दुनिया भर में अपना अलग मुकाम हासिल किया है।

वायु सेना दिवस पर विभिन्न वायु सेना स्टेशनों पर विशेष आयोजन किए गए जबकि मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली के निकट हिंडन वायु सैनिक अड्डे पर किया गया। वायु सेना के लगभग सभी प्रमुख विमानों ने इस मौके पर अपने करतब दिखाते हुए आकाश में गर्जना कर अपनी ताकत का परिचय दिया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वायु सेना कर्मियों और उनके परिवारों को वायु सेना दिवस पर बधाई देते हुए कहा है कि देश को उन पर गर्व है।

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने इस मौके पर भव्य परेड की सलामी ली। इस मौके पर वायु सेना के वरिष्ठ तथा सेवा निवृत अधिकारियों के साथ-साथ जाने-माने क्रिकेटर और मानद ग्रुप कैप्टन सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे।

Indian Air Force celebrates its 86th anniversary
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एयर चीफ मार्शल धनोआ ने इस मौके पर कहा कि पिछले आठ दशकों में वायु सेना ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी हासिल की है और वह देश की हवाई सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। वायु सेना राष्ट्रीय आपदाओं के समय भी आगे बढकर योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि वायु सेना अपने गौरवशाली इतिहास का स्मरण करते हुए अपने शूरवीरों को श्रद्धांजलि देती है।

उन्होंने कहा कि फ्रांस से खरीदे जाने वाले बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान राफेल और रूस से खरीदी जाने वाली हवाई रक्षा प्रणाली एस-400 मिसाइलों से वायु सेना की ताकत बढेगी।

उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि भले ही वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों के स्क्वैड्रन कम हो रहे हों लेकिन वह मौजूदा संसाधनों में भी किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने में सक्षम है। वायु सेना ने एक साथ दो मोर्चों से निपटने के लिए विशेष रणनीति बना रखी है।

परेड के बाद वायु सेना के हेलिकॉप्टरों से लेकर मालवाहक विमानों और लड़ाकू विमानों ने अपने कौशल का परिचय देते हुए अपनी हवाई ताकत का प्रदर्शन किया। इनमें एमआई-17 वी 5 और रूद्र हेलिकॉप्टर, मालवाहक विमान सी -17 और सी-130 जे हरक्यूलिस, लड़ाकू विमान जगुआर, मिग-29, मिराज-2000 और सुखोई-30 शामिल हैं।

आजादी के बाद 1947 में जम्मू कश्मीर में अपने दम खम का परिचय देने वाले पुराने विमान डकौटा के साथ साथ टाइगर मोथ और हारर्वड ने भी उडान भरी। इनसे पहले वायु सेना के छाताधारी सैनिकों की टीम आकाश गंगा ने मालवाहक विमान ए एन-32 से छलांग लगाते हुए साहसिक प्रदर्शन किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।