सबगुरु न्यूज-सिरोही। माउण्ट आबू में बिल्डिंग बायलाॅज को लेकर चल रहा विवाद निरंतर जारी है। इसी मामले में माउण्ट आबू पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष समेत भाजपा के चार पार्षद मंगलवार को जिला कलक्टर से उनके आवास पर मिले। उन्होंने अपने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के पार्षद व आबू संघर्ष समिति के पदाधिकारी व सदस्य उन्हें डरा धमका रहे हैं जिनसे उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।
इनमें से चार पार्षद वो थे जिनके हस्ताक्षर सोमवार को जिला कलक्टर को सौंपे गए पत्र पर थे, इन लोगों का आरोप था कि वो हस्ताक्षर कांग्रेसी नेताओं ने डरा धमका कर करवाए हैं। हस्ताक्षर करने वाले चार पार्षदों के पालिकाध्यक्ष के साथ उपस्थित होने पर भी भाजपा को बोर्ड बचाना अभी मुश्किल है।
माउण्ट आबू में बिल्डिंग बायलाॅज लागू करने के लिए आबू संघर्ष समिति का गठन किया गया। इसके नेतृत्व में 3 अक्टूबर से माउण्ट आबू को अनिश्चित काल तक बंद रखा गया। 6 अक्टूबर को आचार संहिता लगने के बाद बंद को स्थगित करके रणनीति परिवर्तित की। इसके बाद शाम को हुई आम जमघट में माउण्ट आबू के 20 में से 18 पार्षदों ने माउण्ट आबू पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पत्र पर हस्ताक्षर किए।
अब इन पार्षदों में से चार भाजपा पार्षद मुकेश अग्रवाल, राधा राणा, इंदिरा कंवर व जूझाराम ने पालिकाध्यक्ष सुरेश थिंगर, उपाध्यक्ष अर्चना दवे और विधायक समाराम गरासिया, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सौरभ गांगडिया, जिला मंत्री अशोक पुरोहित, पूर्व महामंत्री विरेन्द्रसिंह चैहान के साथ जिला कलक्टर अनुपमा जोरवाल से उनके आवास पर भेंट की। इन लोगों ने उन्हें अपने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन दिया। जिसमें इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर डरा धमका कर हस्ताक्षर करवाने का आरोप लगाते हुए अपनी सुरक्षा की मांग की।
-यह लिखा ज्ञापन में
पालिकाध्यक्ष, उपाध्यक्ष व भाजपा के चार पार्षदों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में बताया कि आबू पर्वत में कांग्रेस पार्षदों द्वारा बिल्डिंग बायलाॅज के नाम पर आबू बंद करवाया गया। इसमें आरोप लगाया गया है कि ये लोग भाजपा पार्षदों को डरा धमका कर, जोर जबरदस्ती, समाज का डर दिखा कर और मारने की धमकी देकर अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहे हैं। इसमे ंबताया कि 8 अक्टूबर को पालिका उपाध्यक्ष अर्चना दवे के घर पर 100-150 लडकों के साथ कुछ लोगों द्वारा उत्पात मचाया गया।
इस पर पुलिस थाने में फोन किया तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्था बनाई। जिला कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में इन लोगों ने कांग्रेस के कुछ लोगों, कांग्रेस के पार्षदों व आबू संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों पर पार्षदों पर उनके परिवार वालों को डराने, धमकाने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। इन्होंने उक्त सभी लोगों को पाबंद करवाते हुए जानमाल की सुरक्षा की मांग की।
-विधायक की साख का सवाल, पर जवाब नदारद
माउण्ट आबू नगर पालिका आबू-पिण्डवाड़ा विधानसभा में पड़ती है। इससे पहले इसी विधानसभा की पिण्डवाड़ा नगर पालिका में ही भाजपा की पालिकाध्यक्ष के खिलाफ भाजपा के ही सदस्य अविश्वास प्रस्ताव ले आए और बोर्ड गिरा दिया। यही पुनरावृति अब माउण्ट आबू नगर पालिका में हो रही है।
भाजपा के ही कुछ सदस्य कांग्रेस व निर्दलीय सदस्यों के साथ मिलकर वहां के भाजपा के पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश में है। पिण्डवाड़ा वाला अविश्वास प्रस्ताव विधायक के खिलाफ भी गुस्सा था, अब यदि माउण्ट आबू में भी अविश्वास प्रस्ताव आ जाता है तो दो महीने बाद आने वाले विधानसभा चुनावों में वर्तमान विधायक समाराम गरासिया के टिकिट पर भी आंच आ सकती है।
वैसे माउण्ट आबू के बिल्डिंग बायलाॅज को माउण्ट आबू के ही कुछ लोगों द्वारा रुकवाने का प्रयास किए जाने के बयान और इन लोगों का नाम सामने नहीं लाने की बात को लेकर माउण्ट आबू वासी पहले ही विधायक समाराम पर खफा हैं।
इनका कहना है….
जिला कलक्टर से मिलकर कांग्रेस के लोगों द्वारा आबू संघर्ष समिति के नाम पर भाजपा के लोगों को धमकाने की जानकारी दी गई। उन्हें बताया कि हमारे मेंम्बर्स को डरा धमका कर अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करवाए गए हैं।
सुरेश थिंगर
अध्यक्ष, नगर पालिका, माउण्ट आबू।