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Ajmer Dargah : recycling of flowers as compost stopped on second day-अजमेर दरगाह में चढ़ाए फूलों की खाद बनने का काम हुआ ठप - Sabguru News
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अजमेर दरगाह में चढ़ाए फूलों की खाद बनने का काम हुआ ठप

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अजमेर दरगाह में चढ़ाए फूलों की खाद बनने का काम हुआ ठप
Ajmer Dargah : recycling of flowers as compost
Ajmer Dargah : recycling of flowers as compost
Ajmer Dargah : recycling of flowers as compost

अजमेर। राजस्थान के अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में मजार पर चढ़ाए फूलों को खादिमों द्वारा दरगाह कमेटी को देने से इंकार कर देने से इनसे खाद बनाने का काम मंगलवार को दूसरे दिन भी ठप रहा।

ख्वाजा साहब के खिदमतगार खादिमों ने लामबंद होकर दूसरे दिन भी आस्ताना शरीफ से निकाले गए फूलों को दरगाह कमेटी को देने से इंकार कर दिया और उन्होंने उन्हें एक हुजूरे में अपने अधीन रखा है।

खादिम समुदाय का आरोप है कि खाद बनाने का काम धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है और इससे बेकद्री होती है। यदि इन फूलों से बनी खाद को खेतों में डाला जाता है तो वह पैरों तले आएंगे जिससे अप्रत्यक्ष तौर पर ख्वाजा साहब का अपमान होगा।

दरगाह नाजिम आईबी पीरजादा ने स्वीकार किया कि खादिमों ने दूसरे दिन भी आस्ताना से उतारे फूल दरगाह कमेटी कर्मचारियों को नहीं दिए जिसके चलते खाद बनाने का काम उनकी भावना को देखते हुए रोक दिया गया है। इस पर अंतिम निर्णय कमेटी के सदर अमीन पठान और खादिमों की संस्थाओं के साथ बैठकर ही हो सकेगा।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की मौजूदगी में वेदांता ग्रुप एवं दरगाह कमेटी के बीच इन फूलों से खाद बनाने का एमओयू कायड़ विश्राम स्थली पर किया गया था।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए खादिमों की दोनों संस्थाओं अंजुमन शेखजादगान एवं अंजुमन सैयद जादगान के सदर से बातचीत करते हुए खाद बनाने के प्रयासों की तारीफ भी की थी।

कमेटी के सदर अमीन पठान ने गत पांच अक्टूबर को अजमेर में पत्रकारों के सवाल के जवाब में बताया था कि खाद नाम पर खादिमों को ऐतराज है क्योंकि वे इसको गोबर से जुड़ा देखते हैं। लेकिन इसमें कोई विवाद नहीं है। खाद के स्थान पर इसका कोई नया नाम ढूंढा जा रहा है। तब ऐसा लग रहा था कि खाद को लेकर विरोध जरूर है लेकिन विवाद नहीं।