Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
5 महिलाओं व 1 बच्चे की मौत : संत रामपाल समेत 23 आरोपी दोषी - Sabguru News
होम Breaking 5 महिलाओं व 1 बच्चे की मौत : संत रामपाल समेत 23 आरोपी दोषी

5 महिलाओं व 1 बच्चे की मौत : संत रामपाल समेत 23 आरोपी दोषी

0
5 महिलाओं व 1 बच्चे की मौत : संत रामपाल समेत 23 आरोपी दोषी
Self-styled godman convicted in two murder cases, quantum of punishment next week
Self-styled godman convicted in two murder cases, quantum of punishment next week
Self-styled godman convicted in two murder cases, quantum of punishment next week

हिसार। हरियाणा के हिसार में जिला एवं सत्र न्यायालय ने आज सतलोक आश्रम बरवाला के संचालक रामपाल समेत 23 लोगों को नवंबर 2014 में आश्रम में 5 महिलाओं और एक बच्चे की मौत के दो मामलों दोषी करार दे दिया।

हिसार की सेंट्रल जेल-1 में लगी विशेष अदालत में केस नंबर 429 में 4 महिलाओं और एक बच्चे की मौत के मामले में रामपाल समेत 15 आरोपियों और केस नंबर 430 में एक महिला की मौत के मामले में रामपाल समेत 14 आरोपियों को दोषी करार दे दिया गया।

इससे पहले रामपाल को हिसार की सेंट्रल जेल-2 से सेंट्रल जेल-1 में लाकर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया जिसमें फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश डीआर चालिया ने दोनों ही केसों में रामपाल समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया। सजा 16 और 17 अक्तूबर को सुनाई जाएगी।

नवंबर 2014 में हिसार जिले के बरवाला में स्थित सतलोक आश्रम पर पुलिस ने छापा मारा था। पुलिस से बचने के लिए रामपाल ने अपनी अनुयायियों की भीड़ को आश्रम के अंदर और बाहर ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हुए खड़ा कर लिया था। भीड़ के इसी जमावड़े में आश्रम के अंदर पांच महिलाओं व एक बच्चे की मौत हो गई थी।

पुलिस ने इन मौतों के मामले में रामपाल व उनके समर्थकों पर हत्या के दो मामले दर्ज किए थे। अदालत ने इन मामलों में कुल 23 लोगों को दोषी ठहराया। रामपाल समेत 6 आरोपी दोनों केस में दोषी ठहराए गए।

अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 343 (किसीको तीन दिन से अधिक बंधक बनाये रखना) व 120बी (साजिश) धारा के तहत दोषी पाया गया है।

श्री मीणा ने बताया कि एफआईआर नंबर 430 के मामले में दोषियों को आगामी 16 अक्टूबर को तथा एफआईआर नंबर 429 के मामले में 17 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी।

मीणा ने बताया कि रामपाल के अनुयायियों की भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन ने न केवल जिला बल्कि जिला से बाहर भी प्रबंध किए। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व बाहर से आने वाले निजी वाहनों की विशेष चेकिंग की गई। ऐसा ही कार्य जिले से बाहर व जिले की सीमाओं पर किया गया। नतीजन हिसार में बहुत कम समर्थक पहुंच पाए।

अदालत के आज के फैसले के मद्देनजर हिसार में दोनों सेंट्रल जेल, कोर्ट परिसर, लघु सचिवालय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त रहे। इन जगहों पर बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान दिनभर मोर्चा संभाले रहे। इसके अलावा शहर के चारों तरफ लगाए गए नाकों पर भी कड़ी चौकसी रही।

रामपाल के वकील एपी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हिसार कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। श्री सिंह ने आरोप लगाया कि वे रामपाल के मामलों की पैरवी कर रहे हैं, इसके बावजूद भी आज फैसला सुनाए जाने के वक्त उन्हें सेंट्रल जेल-1 में लगी कोर्ट में जाने से पुलिस ने रोक दिया।

केस नं. 429 के अनुसार सतलोक आश्रम प्रकरण को लेकर 18 नवंबर 2014 को आश्रम संचालक रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव हो गया था। उस दौरान दिल्ली के बदरपुर की सरिता और पंजाब के संगरूर की मलकीत कौर, राजबाला, संतोष और डेढ़ साल के आदर्श की मौत हो गई थी। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर रामपाल समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया था।

रामपाल के अलावा उसके बेटे बिजेंद्र उर्फ वीरेंद्र और उगालन के जोगेंद्र, सोनीपत के राजेंद्र, दादरी के राजकपूर उर्फ प्रीतम, बरवाला की बबीता और पूनम, हिमाचल के पवन और राजीव शर्मा, राजस्थान के पाली के राजेश उर्फ रमेश व नटवर उर्फ लक्ष्मण, किन्नौर के बलवान, राजस्थान के सवाई माधोपुर के राजेश, कुरुक्षेत्र के रामचंद्र और जींद की सावित्री को गिरफ्तार किया था।

केस नं. 430 के अनुसार यूपी के ललितपुर की रजनी नामक महिला की भी मौत हुई थी। पुलिस ने रामपाल समेत 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें रामपाल के अलावा सोनीपत के गांव धनाना के बिजेंद्र उर्फ वीरेंद्र, उगालन के जोगेंद्र, भटगांव के राजेंद्र, इमलोटा के राजकपूर उर्फ प्रीतम, बरवाला की बबीता, हिमाचल के बलवान, पवन और राजीव शर्मा, राजस्थान के पाली के नटवर व रमेश, राजस्थान के सवाई माधोपुर के राजेश, कुरुक्षेत्र के रामचंद्र और झज्जर के कृष्ण को शामिल थे। मुकदमे की सुनवाई 4 जून 2015 को शुरू हुई थी।

केस नंबर 429 में 43 गवाहों ने गवाही दी। इसके अलावा बचाव पक्ष के 13 गवाहों ने अपनी गवाही दर्ज कराई। इसके अलावा केस नंबर 430 में 23 गवाहों की गवाही दर्ज हुई। बचाव पक्ष के 19 गवाहों ने भी अपनी गवाही दर्ज कराई।