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GST great effect on the statues of Ravan - इस बार भी रावण के पुतलों पर जीएसटी का काफी असर - Sabguru News
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इस बार भी रावण के पुतलों पर जीएसटी का काफी असर

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इस बार भी रावण के पुतलों पर जीएसटी का काफी असर
GST great effect on the statues of Ravan
GST great effect on the statues of Ravan
GST great effect on the statues of Ravan

जयपुर । असत्य पर सत्य एवं बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पर दहन के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में सजे रावण बाजार में लोगों को आकर्षित करने के लिए घूमने वाले रावण के पुतले सहित विभिन्न प्रकार के तैयार पुतलों पर इस बार भी वस्तु सेवा कर (जीएसटी) से बढ़ी महंगाई का असर नजर आ रहा हैं।

जयपुर के न्यू सांगानेर रोड स्थित मेट्रो स्टेशन के पास स्थित रावण मंडी में इन पुतलों को विभिन्न आकार देने में जुटे जोगी समाज के अध्यक्ष जगदीश महाराज ने बताया कि जीएसटी से बढ़ी महंगाई एवं बरसात के भय के कारण इस बार भी पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम पुतले तैयार किये गये हैं। हर वर्ष जयपुर में विभिन्न जगहों पर करीब बारह हजार छोटे बड़े रावण एवं उसके कुनबे के पुतले तैयार किये जाते थे लेकिन गत वर्ष से इन दो सालों में पुतले बनाने के लिए काम में ली जा रही कागज की पन्नी, बांस, रद्दी, मैदा तथा अन्य सामान के दामों में वृद्धि के कारण पुतले बनाने में बहुत कमी आई हैं और इस बार पूरे जयपुर में केवल करीब पन्द्रह सौ पुतले ही तैयार किये जा सके।

उन्होंने बताया कि दशहरा पर लोगों को आकर्षित करने के लिए घूमने वाला रावण का पुतला तैयार किया गया हैं, जिसमें रावण के पुतले का सिर घूमेगा। पुतले में रावण के अट्टहास को प्रदर्शित करने के लिए अठारह हजार रुपए का उपकरण लगाया गया हैं। यह पुतला 61 फुट ऊंचा हैं और इसकी कीमत अस्सी हजार रुपए से अधिक हैं। इसे तथा अन्य बड़े पुतलों को तैयार करने के लिए मध्यप्रदेश के उज्जैन, गुजरात के सूरत तथा राजस्थान के जोधपुर से कारीगर बुलाये गये।

उन्होंने बताया कि घूमने वाला पुतला बीकानेर के लूणकरणसर में दहन होगा। इसी तरह उनकी मंडी में तैयार सबसे ऊंचे 71 फुट के रावण का पुतला दौसा जिले के बांदीकुई में दहन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उनके तैयार 25 फुट से लेकर 50 फुट तक ऊंचे रावण एवं उसके कुनबे के पुतले राजस्थान के सीमांत जैसलमेर जिले के पोकरण, भरतपुर, बीकानेर, टोंक जिले सहित विभिन्न हिस्सों में दहन के लिए ले जाया जायेगा। इसके अलावा गुजरात के धानेरा में दहन किये जाने वाले पुतले भी यहां तैयार किये जा रहे हैं।

इस बार लम्बी मूंछे, चमकदार मुंह तथा आंखों में रोशनी, हाथ में तलवार वाले पुतलों के साथ पुतलों को अलग रुप देने के लिए ऊपर नीचे दो मुंह वाले रावण के पुतले भी तैयार किये गिये हैं। उन्होंने बताया कि उनके समाज के लोग जयपुर में गुर्जर की थड़ी, मालवीय नगर, विधाधर नगर, चौमू पुलिया, खातीपुरा पुलिया तथा अन्य स्थानों पर रावण, मेघनाथ, एवं कुंभकर्ण के पुतले तैयार कर रहे हैं। इन मंडियों में दो फुट से लेकर 71 फुट ऊंचे पुतले तैयार किये जा रहे हैं।

महाराज ने कहा कि उनके समाज के लोग पिछले चालीस साल से जयपुर में पुतले तैयार कर रहे हैं और उनको इस समय पुतले तैयार करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं, लेकिन सरकार उनकी मदद के लिए आगे नहीं आती।

खातीपुरा पुलिया के पास पुतले तैयार करने वाले कारीगर पारस जोगी ने बताया कि महंगाई के कारण इस बार उनका परिवार ज्यादा पुतले तैयार नहीं कर पा रहे हैं और दशहरे तक छोटे बड़े करीब सौ पुतले ही तैयार कर पायेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने पचास रुपए से लेकर तीन-चार हजार रुपए तक के पुतले तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को आकर्षित करने के लिए अक्सर रावण के पुतले के मुंह को ही विभिन्न आकार दिया जाता हैं लेकिन उन्होंने इस बार लम्बे पंजे वाला रावण का पुतला तैयार किया गया हैं जिसे लोगों को आकर्षित करने के साथ खड़ा करने में भी आसानी रहेगी। हालांकि दशहरा पर्व में अभी पांच-छह दिन शेष हैं लेकिन लोगों ने पुतले खरीदना शुरु कर दिया हैं और अपनी अपनी पसंद के पुतले खरीदने लगे हैं।