गुवाहाटी। असम के तिनसुकिया जिले में 24 वर्ष पुराने फर्जी मुठभेड़ मामले में सेना के सात अधिकारियों और जवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
सेना की अदालत ने दिन्जान सेना शिविर में शनिवार को अपना फैसला सुनाया। इस मामले में दोषी पाए गए सेनाकर्मियों में मेजर जनरल एके लाल, कर्नल थॉमस मैथ्यू, कर्नल आरएस सिबिरन, कैप्टन दिलीप सिंह, कैप्टन जगदेव सिंह, नायक अल्बिंदर सिंह और नायक शिवेंद्र सिंह शामिल हैं।
यह निर्णय दंगारी सेना मुठभेड़ मामले पर दिया गया है जिसमें उल्फा आतंकवादियों द्वारा चाय बागान के एक महाप्रबंधक की हत्या के बाद 18 पंजाब रेजिमेंट ने 17 से 19 फरवरी 1994 के बीच ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नौ सदस्यों को उठाया था।
बाद में सेना ने इनमें से पांच शवों को ढोला थाने में पेश किया था लेकिन पुलिस ने उसे लेने से इंकार कर दिया था। इसके कुछ दिनों बाद बाकी के शव पास के इलाके से बरामद किए गए थे।