इस्लामाबाद। पाकिस्तान में छह वर्षीय जैनब अमीन के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी इमरान अली को बुधवार सुबह लाहौर के कोट लखपत केंद्रीय जेल में फांसी दी गई।
मजिस्ट्रेट आदिल सरवर और मृतका के पिता मोहम्मद अमीन, दोनों की उपस्थिति में इमरान अली को फांसी दी गई है। दोनों सुबह कोट लखपत जेल में पहुंचे थे। जैनब के अंकल भी कोट लखपत जेल मौजूद रहे।
इस दौरान कोट लखपत जेल में एक एम्बुलेंस भी पहुंची थी जिसमें जिसमें दोषी का एक भाई के साथ-साथ उसके दो दोस्त भी थे।
अली को फांसी की सजा देने के दौरान कोट लखपत जेल के चारों आेर दंगा-निरोधक बल और पुलिस की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रही।
जैनब के पिता अमीन अंसारी ने अली की फांसी के बाद मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश का आभार व्यक्त किया और कहा कि न्याय मिला है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि अधिकारियों ने फांसी की सजा का सीधा प्रसारण करने की अनुमति नहीं दी।
फांसी के बाद अली के परिवार को उसका शव कसुर ले जान के लिए सौंप दिया, उनके साथ पुलिस की एक टुकड़ी भेजी गई। जेल प्रशासन ने मंगलवार शाम को अली से 57 रिश्तेदारों की मिलने की व्यवस्था करवाई।
गौरतलब है कि जैनब के साथ बलात्कार और हत्या की घटना इस वर्ष जनवरी में उसके घर के पास हुई थी। उसका शव उसके लापता होने के एक हफ्ते बाद एक कचरे के डिब्बे से मिला।
इस घटना के सामने आने के बाद कसुर में ‘जस्टिस फॉर जैनब’ नाम से की गई एक विरोध रैली में दंगे भड़कने से दो लोगों की मौत भी हुई। इसके बाद भी पाकिस्तान के कसुर सहित पूरे देश में बड़े स्तर पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।