भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा में रविवार को कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर के भाई नीरज और भतीजे राहुल पर हुए कातिलाना हमले की जांच अब अजमेर रेंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध एवं सतर्कता) को सौंपी गई है।
जांच बदलने के निर्देश रेंज पुलिस महानिरीक्षक बीजू जार्ज जोसेफ ने विधायक गुर्जर की इस शिकायत पर किया है जिसमे उसका कहना था की भीलवाड़ा शहर की पुलिस ने उसके फरियादी भाई को ही हमलावर बताकर लॉकअप में बंद कर दिया और उसकी हत्या किए जाने की सम्भावना है।
विधायक धीरज गुर्जर ने मीडिया के जरिये शहर पुलिस पर अभियुक्तों से मिलीभगत करके उनके परिवार के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज़ करने का आरोप लगाया था तथा फ़र्ज़ी तरीके से हथियार बरामद करने के लिए उनके रिश्तेदारों को तलाशी के नाम पर परेशान करने की बात कही थी। गुर्जर ने भीलवाड़ा पुलिस की शह पर उन पर कभी भी जानलेवा हमला होने की आशंका भी जाहिर की है।
इधर भीलवाड़ा में पुलिस घटना के पांच दिन बाद भी नीरज गुर्जर और राहुल गुर्जर से कथित क्रॉस फायरिंग में प्रयुक्त पिस्तौल बरामद नहीं कर पाई है जिसको आधार मानकर उसने दोनों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज़ किया था। पुलिस ने आज दूसरी बार नीरज का दो दिन का पुलिस रिंमांड प्राप्त किया है।
हालांकि पुलिस अधीक्षक रामेश्वर सिंह ने नीरज के गिरफ्तार ड्राइवर नारायण तेली के हवाले से कहा की उनकी कार से फायर हुआ था पर घटनास्थल से अभी तक पुलिस को कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला है इसे लेकर विधायक गुर्जर बार बार दावा कर रहे हैं की उनके भाई के पास कोई हथियार नहीं था और पूरे घटनाक्रम में पुलिस की मिलीभगत अभियुक्तों के साथ है।